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World AIDS Day 2021 : बरेली में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बढ़ा एड्स, दो साल में डेढ़ गुना बढ़े मरीज

World AIDS Day 2021 पूरे साल एड्स की रोकथाम के लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं फिर भी एड्स रोगियों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही। पिछले दो सालों में एड्स रोगियों की संख्या में डेढ़ गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 03:10 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 03:10 PM (IST)
World AIDS Day 2021 : बरेली में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में बढ़ा एड्स, दो साल में डेढ़ गुना बढ़े मरीज
संक्रमित ट्रांसजेंडरों की संख्या में आई कमी, महिलाओं की संख्या में बढोतरी बनीं चिंता का सबब

बरेली, जेएनएन। World AIDS Day 2021 : पूरे साल एड्स की रोकथाम के लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, फिर भी एड्स रोगियों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही। पिछले दो सालों में एड्स रोगियों की संख्या में डेढ़ गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि शहर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक एड्स ग्रसित हो रही है। हालांकि ट्रांसजेंडरों में जागरूकता बढ़ी है, जिसके चलते उनकी संख्या में कमी आई है। प्रतिवर्ष की भांति बुधवार को फिर एड्स दिवस के मौके पर रैली निकालकर कर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

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जिले में बढ़ते एड्स रोगियों की संख्या को लेकर प्रशासन कोई ठोस प्रयास नहीं कर पा रहा, जबकि जिला अस्पताल में एचआइवी शाखा स्थापित है। साल 2018 की बात करें तो जिले में 2672 एड्स के मरीज थे। जिसमें 1735 पुरूष और 894 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर शामिल थे। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गाैर करें तो जिले में एड्स के मरीज बढ़कर 4056 हो गए हैं। इसमें 2400 पुरुष, 1600 महिला और 9 ट्रांसजेंडर हैं। वर्तमान में इनका उपचार भी चल रहा है।

जागरूकता की कमीः स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बीते दो सालों में जिले में 1384 एड्स के मरीज बढ़े हैं। महिलाओं की संख्या में 706 और पुरूषों की संख्या में 665 मरीज बढ़े हैं। वहीं ट्रांसजेंडरों की संख्या 13 से घटकर 9 रह गई है। जानकार ट्रांसजेंडरों में मरीजों की संख्या में कमी की वजह जागरूकता बताते हैं, जबकि महिलाओं में मरीजों की संख्या बढ़ने से लोग चिंतित हैं।

एड्स से बचाव के लिए चल रहे कई कार्यक्रमः एड्स के नोडल अधिकारी अनुराग गौतम का कहना है कि एड्स से बचाव के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसके लिए सामुदायिक सदस्यों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा पम्फलेट, बैनर-पोस्टर, रक्तदान शिविर, गोष्ठी, कैम्पेनिंग के माध्मय से इस बीमारी से बचाव के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाता है।

एड्स से घटती है रोग प्रतिरोधक क्षमताः एचआईवी एक अतिसूक्ष्म विषाणु है, जिसकी वजह से एड्स हो सकता है। एड्स रोग नहीं है, बल्कि एक लक्षण है, जो मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता है। ऐसे मरीजों को टीबी, कैंसर, फेफड़ा संक्रमण, सर्दी जुकाम रोग आसानी से होते हैं, जिनका इलाज करना कठिन हो जाता है और मरीज की मृत्यु हो जाती है।एचआइवी मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित रक्त संक्रमण या संक्रमित सुइयों के आदान-प्रदान से होता है। ग्रसित व्यक्ति के साथ रहने, खाना खाने, हाथ मिलाने से एड्स नहीं फैलता।


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