Smart City : घोटाले के आरोपित इस पीसीएस अफसर का वेतन रोकने के बाद अफसरों ने साधी चुप्पी Bareilly News
ग्रेटर नोएडा में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपित पीसीएस सतीश कुमार को स्मार्ट सिटी के काम से बर्खास्त करने के साथ ही तीन महीने का वेतन भी रोक दिया गया है। बड़ी लापरवाही करने के बाद अब अधिकारी कह रहे कि नई तैनात पूरी छानबीन के बाद ही करेंगे।
जेएनएन, बरेली : ग्रेटर नोएडा में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपित पीसीएस सतीश कुमार को स्मार्ट सिटी के काम से बर्खास्त करने के साथ ही तीन महीने का वेतन भी रोक दिया गया है। बड़ी लापरवाही करने के बाद अब अधिकारी कह रहे कि नई तैनात पूरी छानबीन के बाद ही करेंगे।
ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में 126 करोड़ रुपये के घोटाले में पुलिस ने जून 2018 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें यीडा के एसीईओ रहे पीसीएस अफसर सतीश कुमार का भी नाम शामिल था। बावजूद इसके करीब तीन महीने पहले बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी में सीबीआइ जांच में घिरे सतीश को बतौर मिशन मैनेजर नियुक्त कर लिया गया।
रविवार को सीबीआइ ने सतीश को गिरफ्तार किया तो मामला खुल गया। इसके तुरंत बाद मंगलवार को अधिकारियों ने सतीश कुमार को पद से बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही उनका वेतन भी रोक दिया गया है। सतीश कुमार से प्रशासनिक कार्य लिया जा रहा था। पद के हिसाब से उनका मासिक वेतन 1.10 लाख रुपये तय किया गया। करीब तीन महीने का वेतन बनाया जा चुका था, जिसे बर्खास्त करने के साथ ही रोक दिया गया।
आरोपित की तैनाती का जिम्मेदार कौन
1902 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी योजना में मिशन मैनेजर के रूप में करोड़ों रुपये घोटाले के आरोपित की नियुक्ति करने में हर स्तर पर लापरवाही हुई। बताया जाता है कि एक बड़े अधिकारी के साथ सतीश की तैनाती भी रही। बावजूद इसके उन पर सीबीआइ जांच चलने की बात दबा दी गई और उन्हें बड़ी योजना में नियुक्त कर दिया गया। अधिकारी की सरपरस्ती ही थी कि तत्काल एडीएम कंपाउंड में आवास भी आवंटित हो गया। उसके आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी कर दी गई थी।
पूरी पड़ताल के बाद ही की जाएगी तैनाती
पूरे मामले में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इसके बाद से स्मार्ट सिटी के अधिकारी खासे सतर्क हो गए हैं। उन्होंने अब किसी भी नियुक्ति से पहले पूरी पड़ताल किए जाने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं मौजूदा समय में जितने भी लोग स्मार्ट सिटी में लगे हुए हैं, उनका पिछला रिकार्ड भी चेक कराने की तैयारी चल रही है।
स्मार्ट सिटी में नगर विकास का अनुभव रखने वाले व्यक्ति को ही रखा जाना था। सतीश कुमार को उस फील्ड में अनुभव था, लेकिन उनके पिछले रिकार्ड के बारे में जानकारी नहीं थी। सतीश ने भी कुछ नहीं बताया। उन्हें बर्खास्त करने के साथ ही वेतन भी रोक दिया गया है। भविष्य में पूरी पड़ताल के बाद ही किसी को तैनात किया जाएगा। - सैमुअल पॉल एन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्मार्ट सिटी कंपनी