कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में मानसिक अवसाद और कमजोरी आ रही, जानिये कैसे दूर करें इन्हें
जिले में हजारों लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है। कोरोना से जीतने के बाद भी उनमें कई दिक्कतें बनी हुई हैं। इस कारण उन्हें डाक्टरों के पास जाना पड़ रहा है। लोगों को शारीरिक कमजोरी के साथ ही मानसिक रूप से भी परेशानी होने लगी है।
बरेली, जेएनएन। जिले में हजारों लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है। कोरोना से जीतने के बाद भी उनमें कई दिक्कतें बनी हुई हैं। इस कारण उन्हें डाक्टरों के पास जाना पड़ रहा है। लोगों को शारीरिक कमजोरी के साथ ही मानसिक रूप से भी परेशानी होने लगी है। हालांकि डाक्टर उन्हें दवा के साथ ही मेडिटेशन और चेस्ट की एक्सरसाइज करने की सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही शुगर का लेवल चेक करने और खून पतला करने की दवा बिना डॉक्टर से पूछे नहीं छोड़ने को बोल रहे हैं।
शहर के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शरद अग्रवाल बताते हैं कि उनके पास कोरोना को मात देने वाले कई मरीज पहुंच रहे हैं। पोस्ट कोविड बीमारियों से कई मरीज परेशान हैं। सबसे अधिक शिकायत कमजोरी की है। कोरोना के कारण लोगों के शरीर में कमजोरी घर कर गई है। इसके साथ ही कुछ लोगों में हल्की सांस लेने की समस्या भी मिल रही है। उन्हें ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी जा रही है। कई ऐसे मरीज जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान स्टेरायड लिया है, उनमें शुगर बढ़ने की समस्या हो रही है। ऐसे मरीजों को सामान्य होने में कुछ समय लग रहा है।
मरीजों में बढ़ी असुरक्षा की भावना, हो गए चिड़चिड़े
आइएमए के पूर्व अध्यक्ष व फिजिशियन डॉ. रवीश अग्रवाल ने बताया कि कोविड होने के बाद लोगों को मानसिक अवसाद भी हो रहा है। तमाम लोग खुद को असुरक्षित समझ रहे हैं। उनमें घबराहट और चिड़चिड़ापन आ रहा है। कुछ लोगों में हल्की खांसी, शरीर दर्द और हल्का बुखार भी कई दिनों तक रहता है। उन्हें मेडिटेशन करने, संगीत सुनने, किताबें पढ़ने और चेस्ट की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जा रही है। फिलहाल लोगों को भाप लेने और बीटाडिन का कुल्ला करने की भी सलाह दी जा रही है। लोगों को बता रहे हैं कि जिनके इलाज के दौरान खून पतला करने की दवा चली है, वह बिना डॉक्टर की सलाह के दवा बंद नहीं करें। दवा बंद करने पर हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक भी बढ़ रहे हैं।