Taste : तुर्की के आगे नहीं चल सका अफगानी प्याज, लोगों ने इसलिए नकारा Bareilly News
महाराष्ट्र और अन्य राज्य से आने वाले प्याज की आपूर्ति घटी तो इनकी कीमतें आसमान छूने लगीं। कीमतों में नियंत्रण के लिए अफगानिस्तान से प्याज आयात किया गया।
जेएनएन, बरेली : महाराष्ट्र और अन्य राज्य से आने वाले प्याज की आपूर्ति घटी तो इनकी कीमतें आसमान छूने लगीं। कीमतों में नियंत्रण के लिए अफगानिस्तान से प्याज आयात किया गया। शहर की मंडियों में भी पहुंचा, लेकिन इनका स्वाद लोगों को नहीं भाया। अब मंडी में तुर्की के प्याज ने दस्तक दी है। शंख, छोटे नारियल जितना बड़ा आकार और वजनदार होने के चलते होटल, रेस्टोरेंट वालों को खूब लुभा रहा है। अलग स्वाद से यह लोगों की जुबान पर भी चढ़ने लगा है।
महंगा होने के बाद भी मांग अधिक
तुर्की के प्याज की कीमत अफगानी प्याज के मुकाबले अधिक है। जहां, अफगानी प्याज 40 से 60 रुपये प्रति किलो में और देशी भी 60 रुपये तक में है, तुर्की के प्याज की कीमत करीब 85 रुपये किलो। बड़ा आकार व कम छिलकेदार होने से इन दिनों शहर के होटलों में खूब प्रयोग हो रहा है। मंडी में पीले प्याज की दो किस्म हैं। आढ़तियों के मुताबिक चपटा प्याज अफगानी और गोल प्याज तुर्की का है। हालांकि, तुर्की के प्याज का रंग सुर्ख लाल है। जल्द ही लाल रंग के तुर्की प्याज भी मंडी में उपलब्ध होगा।
अफगानी प्याज की बिक्री कम हो गई है। होटल संचालक तुर्की के प्याज की मांग कर रहे हैं। देशी प्याज की बिक्री में भी कमी नहीं है।
- सरवर हुसैन, आढ़ती
अफगानी प्याज की तरह तुर्की के प्याज में तीखापन है। इससे सब्जी का स्वाद दोगुना हो जाता है। जिसे ग्राहक पसंद करते हैं। सलाद में देशी प्याज देते हैं।
- मुरारी लाल, रसोइया
अफगानी प्याज खाने में फीका रहा। हालांकि, सब्जी का स्वाद बढ़ा। अभी तुर्की का प्याज सलाद में नहीं खाया। उम्मीद है इसका स्वाद बेहतर होगा।
- बलदेव सिंह बख्शी, ग्राहक
दो दिन अफगानी प्याज की बिक्री हुई। अब महिलाएं सिर्फ देशी प्याज की ही खरीदारी करती हैं। इसलिए अफगानी प्याज बेचना बंद कर दिया।
- मोती लाल, सब्जी विक्रेता
प्रशासन की ओर से मंडी में सुबह प्याज बिक्री के स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर खूब भीड़ रहती है। अब विदेशी प्याज की भी खूब आवक है। खराब माहौल के कारण कीमतों में उछाल रहा। अब प्याज की कीमतें धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही हैं।
- अनिल कुमार, मंडी सचिव