तालाब की जमीन के लिए प्रशासन निरस्त कराएगा 22 साल पुराना फ्रीहोल्ड पट्टा, शुरु की तैयारी
अक्षर विहार तालाब की जमीन नजूल भूमि के साथ बिकने के प्ररकण की जांच पूरी होने के बाद 22 साल पुराने फ्रीहोल्ड कराए पट्टे को निरस्त कराने की तैयारी शुरू हुई है। प्रशासन का कहना है कि तालाब की भूमि उस वक्त बिकी जब कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ था।
बरेली, जेएनएन। अक्षर विहार तालाब की जमीन नजूल भूमि के साथ बिकने के प्ररकण की जांच पूरी होने के बाद 22 साल पुराने फ्रीहोल्ड कराए पट्टे को निरस्त कराने की तैयारी शुरू हुई है। प्रशासन का कहना है कि तालाब की भूमि उस वक्त बिकी, जब तालाब की भूमि की खरीद-फरोख्त को लेकर कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ था। इसी आधार पर एडीएम वित्त मनोज कुमार पांडेय की तरफ से कमिश्नर रणवीर प्रसाद को भूमि पैमाइश की रिपोर्ट भेजी जा रही है।
अक्षर विहार जमीन प्रकरण में शुरू हुई जांच में सामने आया है कि वर्ष 1998 में फ्रीहोल्ड कराई गई छह हजार वर्ग मीटर भूमि में से दो हजार वर्ग मीटर भूमि तालाब की बेची गयी थी। जबकि वर्ष 2012-13 में फ्रीहोल्ड कराकर बेची गयी करीब 4500 वर्ग मीटर की भूमि में तालाब की भूमि बेचने के सुबूत नहीं मिले हैं। प्रशासन अब 22 साल पहले यानि वर्ष 1998 में फ्रीहोल्ड कराए गए पट्टे को निरस्त कराने की तैयारी कर रहा है।
मामले में तालाब की पैमाइश कराकर जल्द रिपोर्ट कमिश्नर रणवीर प्रसाद को भेजी जाएगी। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त मनोज कुमार पांडेय का कहना है कि दो हजार वर्ग मीटर भूमि तालाब की बेची गयी थी। मामला उस वक्त का है, जब तालाब की भूमि को न बेचे जाने संबंधी कोई शासनादेश लागू नहीं था। कमिश्नर को रिपोर्ट भेजकर पट्टा निरस्त कराने की मांग करेंगे। वैसे इसमें अंतिम निर्णय शासन को ही लेना है।