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केवल 428 दिव्यांगों को यूआइडी, एसीएस ने जताई नाराजगी

अपर मुख्य सचिव ने लगाई फटकार, वीडियो कान्फ्रेंसिंग से की समीक्षा की है। - 24 हजार दिव्

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 11:11 AM (IST)
केवल 428 दिव्यांगों को यूआइडी, एसीएस ने जताई नाराजगी
केवल 428 दिव्यांगों को यूआइडी, एसीएस ने जताई नाराजगी

जागरण संवाददाता, बरेली : जिले में 24 हजार 476 दिव्यांगों को हर माह पेंशन देने वाली सरकार एक साल में केवल 428 दिव्यांगों को ही यूनिक डिएबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) से जोड़ सकी। यानी इतनी बड़ी योजना और व्यवस्था में दो प्रतिशत से भी कम दिव्यांग ऑनलाइन हैं और कॉर्डधारक हैं। यह स्थिति गुरुवार को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता की वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुई समीक्षा में सामने आई। बेहद खराब स्थिति पाए जाने पर एसीएस कान्फ्रेंसिंग में ही भड़क गए। नाराजगी जताई। सीएमओ और दिव्यांग कल्याण अधिकारी को तेजी से काम करने के निर्देश दिए।

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पेंडिंग पड़े हैं 600 से ज्यादा आवेदन

यूडीआइडी जारी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाया है। सीएमओ के प्रमाण पत्र के आधार पर ही दिव्यांगों को सरकारी पेंशन के लिए पात्र माना जाता है। वर्तमान में 24376 पेंशन लाभार्थी हैं। करीब 1100 से ज्यादा दिव्यांगों ने ऑनलाइन आवेदन किए लेकिन 30 जून तक 428 को ही यूडीआइडी कार्ड जारी हो सके हैं। 600 से अधिक आवेदन दफ्तर में ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे।

योजना ऑनलाइन, दिव्यांग अंजान

महज पेंशन की रकम पर जीवनयापन को निर्भर दिव्यांगों को देश भर में एक पहचान पत्र से जोड़ने के लिए दिव्यांग कल्याण विभाग ने 2016 के अंत में योजना लागू की। सरकार ने योजना तो ऑनलाइन कर दी, लेकिन गांव, कस्बे में रहने वाले शारीरिक रूप से अक्षम लोग अंजान हैं। ऑनलाइन आवेदन तो दूर, नए प्रावधान और इसके लाभ तक का प्रचार-प्रसार ही नहीं कराया गया।

केवल यूपी नहीं, अन्य राज्यों में भी मिलेगा लाभ

यूपी में जारी होने वाले विकलांग प्रमाण पत्र की वैधता और लाभ केवल प्रदेश के 75 जिलों में भी मान्य हैं। यूनिक डिसएबिलिटी पहचान पत्र देश भर में मान्य माना जाएगा। रेलवे की यात्रा, रोडवेज की यात्रा से लेकर दूसरे प्रदेश की नौकरियों तक के आवेदन के लिए इसे लगाया जा सकेगा। महज प्रमाण पत्र के नाम पर फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाई जा सकेगी।

बोले जिम्मेदार..

24 हजार दिव्यांग पेंशन के लाभार्थी तो हैं। लेकिन, इनमें से ऑनलाइन आवेदन केवल 1100 तक ही हैं। ऑनलाइन आवेदन होने पर ही यूडीआइडी कार्ड की प्रक्रिया कराई जा रही है। इसमें अब और तेजी लाई जाएगी।

-डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ

हमारा विभाग तहसील, बीडीओ से सत्यापन और सीएमओ के सर्टिफिकेट के बाद ही अभ्यर्थी का नाम पेंशन लाभार्थियों की सूची में शामिल करता है। यूडीआइडी निर्गत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी हैं। दिव्यांगों को जागरूक करने लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

-नीता अहिरवार, प्रभारी दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी


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