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मानसिक अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट को एसीएमओ ने प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करते पकड़ा

मानसिक अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल सोमवार को प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े गए

By Edited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 02:33 PM (IST)
मानसिक अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट को एसीएमओ ने प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करते पकड़ा
मानसिक अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट को एसीएमओ ने प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करते पकड़ा

जागरण संवाददाता, बरेली : मानसिक अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल सोमवार को प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करते रंगे हाथों पकड़े गए। मामले में एसीएमओ डॉ. रंजन गौतम ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है। रेडियोलॉजिस्ट के खिलाफ प्राइवेट अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड करने की शिकायत की गई थी। स्वास्थ्य निदेशालय से भी उनकी जांच को कहा जा रहा था।

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लंबे समय से थी प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायत एसीएमओ डॉ. रंजन गौतम को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव के तीन से चार प्राइवेट अस्पतालों में जाकर मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने की शिकायत मिली थी। इसी कारण वह मानसिक अस्पताल दोपहर बाद ही पहुंच पाते थे। कभी अगर सुबह अस्पताल में समय से पहुंच गए तो जल्दी निकल जाते थे। घर पर भी प्रैक्टिस करने के आरोप थे। स्वास्थ्य निदेशालय से भी उनकी जांच कराने के निर्देश मिल रहे थे। मानसिक अस्पताल में नहीं बैठने से वहां के मरीज परेशान होते थे। इतना ही नहीं उनके खिलाफ लिंग परीक्षण करने की भी शिकायत थी। अस्पताल से बीस मीटर दूर खड़ी थी कार शिकायत करने वाले ने रेडियोलॉजिस्ट की फोटो, कार का नंबर समेत अन्य जानकारियां एसीएमओ को उपलब्ध कराई थी। इस पर एसीएमओ टीम के साथ दोपहर करीब एक बजे बांके की छावनी चौकी के पास स्थित महेंद्र-गायत्री अस्पताल पहुंचे। वहां अस्पताल से करीब 20 मीटर दूरी पर डॉ. राजीव की कार खड़ी थी। इस पर एसीएमओ अस्पताल में सीधे अल्ट्रासाउंड कक्ष में पहुंच गए। वहां डॉ. राजीव को महिला का अल्ट्रासाउंड करते रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीएमओ को पहचान नहीं पाने के कारण डॉ. राजीव अल्ट्रासाउंड करते रहे। जब एसीएमओ ने अपने बारे में बताया तो कहने लगे कि अस्पताल की महिला डॉक्टर ही अल्ट्रासाउंड करती है। महिला डॉक्टर के पास एसीएमओ गए तो वह डॉ. राजीव से ही अल्ट्रासाउंड सीखने की बात कहने लगीं। करीब छह महीने पहले शासन ने मांगी थी सूचना शासन सरकारी डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के नाम पर मोटी रकम देता है। बावजूद इसके तमाम डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। करीब छह महीने पहले शासन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र जारी कर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों के नाम मांगे थे।

प्राइवेट प्रैक्टिस करने की मिली थी शिकायत 

मानसिक अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट के प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत मिली थी। जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है। - डॉ. रंजन गौतम, एसीएमओ


बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं

सभी आरोप बेबुनियाद हैं। न ही हम प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं और न ही पकड़े गए हैं। लिंग परीक्षण का आरोप भी सरासर गलत है। -डॉ. राजीव अग्रवाल, रेडियोलॉजिस्ट, मानसिक अस्पताल


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