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विरासत के लिए रिश्वत मांग रहे लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने इस ट्रिक के साथ पकड़ा Shahjahanpur News

बरेली की एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को चकबंदी लेखपाल को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 09:01 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 05:44 PM (IST)
विरासत के लिए रिश्वत मांग रहे लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने इस ट्रिक के साथ पकड़ा Shahjahanpur News
विरासत के लिए रिश्वत मांग रहे लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने इस ट्रिक के साथ पकड़ा Shahjahanpur News

जेएनएन, शाहजहांपुर : बरेली की एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को चकबंदी लेखपाल को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। तलाशी में पाउडर लगे नोट बरामद होने पर लेखपाल के खिलाफ कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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इस तरह की कार्रवाई 

भ्रष्टाचार निवारण (एंटी करप्शन) शाखा के प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में आठ सदस्यीय टीम बरेली से सुबह दस बजे पहुंची। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह से संपर्क कर दो सरकारी गवाह साथ लिए। कलेक्ट्रेट में भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष व शिकायतकर्ता थाना कांट के गांव करसहाई निवासी महेंद्रसिंह यादव को टीम ने पांच-पांच सौ के छह नोट पाउडर लगाकर दे दिए।

करीब सवा 11 बजे टीम तहसील सदर पहुंची। तय रणनीति के तहत महेंद्र ने प्रथम तल स्थित कार्यालय में बैठे सीतापुर के गांव रायपुर निवासी लेखपाल विनोद कुमार को तीन हजार रुपये देकर विरासत के लिए गाटा संख्या नोट करा दी। इस बीच एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को कस्टडी में ले लिया। टीम ने लेखपाल की तलाशी ली तो पाउडर लगे नोट बरामद हो गए। जिस पर टीम प्रभारी सुरेंद्र सिंह की ओर से लेखपाल के खिलाफ कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।

डेढ़ माह से कर रहा था परेशान

बीती 25 अक्टूबर को महेंद्र की मां की मृत्यु हो गई थी। एक नवंबर को उन्होंने लेखपाल को मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया, लेकिन लेखपाल ने विरासत के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। 18 दिसंबर को महेंद्रसिंह दोबारा मिले तो तीन हजार रुपये की पेशगी पर तैयार हो गया। दो हजार बाद में देने को कहा। जिस पर उन्होंने परेशान होकर बरेली जाकर एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।

सीतापुर में भी पकड़ा गया था आरोपित

विनोद कुमार वर्ष 1992 में चकबंदी विभाग में लेखपाल पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 2006 में भी विनोद सीतापुर में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जा चुका है।  


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