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आइवीआरआइ की एकेडमिक काउंसिल ने लिया फैसला, इंटरनल अंकों के आधार पर प्रमोट होंगे छात्र

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) मास्टर ऑफ वेटनरी साइंस (एमवीएसी) और पीएचडी प्रथम वर्ष के छात्र-छात्रओं को इंटरनल अंकों के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट करेगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 12:22 PM (IST)
आइवीआरआइ की एकेडमिक काउंसिल ने लिया फैसला, इंटरनल अंकों के आधार पर प्रमोट होंगे छात्र
आइवीआरआइ की एकेडमिक काउंसिल ने लिया फैसला, इंटरनल अंकों के आधार पर प्रमोट होंगे छात्र

बरेली, जेएनएन। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) मास्टर ऑफ वेटनरी साइंस (एमवीएसी) और पीएचडी प्रथम वर्ष के छात्र-छात्रओं को इंटरनल अंकों के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट करेगा। इसमें 50 फीसद अंक पिछले सेमेस्टर और 50 फीसद अंक ऑनलाइन होने वाली इंटरनल परीक्षा के जोड़े जाएंगे। बुधवार को यह निर्णय संस्थान की 63वीं ऑनलाइन अकादमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया। वहीं, नया सत्र एक महीने देरी के साथ सितंबर से शुरू करने सहित अन्य फैसले भी लिए गए।

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निदेशक डॉ. राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को अकादमिक काउंसिल की बैठक में कई निर्णय हुए। संस्थान के संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि जुलाई में परीक्षाएं होनी प्रस्तावित थीं। लेकिन कोरोना की वजह से यह संभव नहीं है। ऐसे में तय हुआ है कि 50 फीसद पिछले सेमेस्टर और 50 फीसद ऑनलाइन इंटरनल परीक्षा के अंक के आधार पर एमवीएससी और पीएचडी प्रथम वर्ष के फाइनल सेमेस्टर के छात्र-छात्रओं को दूसरे वर्ष में प्रमोट कर दिया जाएगा। इंटरनल परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी। इसमें क्वीज, मिड टर्म और असाइनमेंट के अंकों का फीसद निकाला जाएगा।

पुराने छात्रों के लिए एक सितंबर से नए सत्र की शुरुआत

अभी तक आइवीआरआइ में छात्र-छात्रओं के नए सत्र की शुरुआत एक अगस्त से होती थी। लेकिन कोविड-19 की वजह से इस बार एक सितंबर से होगी। यह व्यवस्था पुराने छात्रों के लिए होगी। उनकी ऑनलाइन क्लास इसी तारीख से शुरू कर दी जाएगी। 31 दिसंबर तक सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने और पांच से 20 जनवरी तक परीक्षाएं कराने का शेडयूल तय किया है। वहीं, नए छात्रों का सत्र नवंबर से शुरू करने की तैयारी है। क्योंकि एमवीएससी और पीएचडी में दाखिले नेशनल टे¨स्टग एजेंसी के जरिए होते हैं। संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि यदि सितंबर से अक्टूबर में दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो नवंबर से नए छात्रों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

एमवीएसई व पीएचडी तीसरे, चौथे वर्ष वालों को भी मिलेगी राहत : एमवीएसई और पीएचडी तीसरे एवं चौथे वर्ष वाले छात्र-छात्रओं को भी राहत दी गई है। जिन्होंने 80 फीसद रिसर्च वर्क पूरा कर लिया है, उन्हें 20 फीसद वर्क की छूट दी जाएगी। उन्हें 80 फीसद के हिसाब से ही अपनी थीसिस ऑनलाइन जमा करनी होगी। पीएचडी दूसरे वर्ष के छात्र-छात्रओं को कम्प्रिहेंसिव परीक्षा ऑनलाइन देनी होगी।

11 जुलाई से होगी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच : रुहेलखंड विश्वविद्यालय सहित सभी राजकीय एवं एडेड कॉलेजों में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच 11 जुलाई से शुरू हो जाएगी। कमेटी ने विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों तक में जांच के लिए तारीखवार शेड्यूल तय कर दिया है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ राजेश प्रकाश ने बताया कि उप समितियों ने जो तारीख तय की है, उस दिन पहुंच कर जांच करेंगी। 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी।

परीक्षाएं निरस्त कराने की मांग, सौंपा ज्ञापन : बिना परीक्षा ही फाइनल इयर के छात्र-छात्रओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने की मांग को लेकर समाजवादी छात्र सभा ने बुधवार को रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुंच कर नाराजगी जताई। छात्र नेता अवनेश यादव, पवन शर्मा, पंकज कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में परीक्षाएं कराना छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। इसलिए परीक्षाएं न कराकर उन्हें प्रमोट किया जाए अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। 


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