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प्रोफेसरों की सियासत में घमासान थामने की पहल

रुहेलखंड विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (रूटा) के चुनाव को लेकर दो धड़े में बंटे शिक्षकों को एक करने की कवायद हो रही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 09:22 PM (IST)
प्रोफेसरों की सियासत में घमासान थामने की पहल
प्रोफेसरों की सियासत में घमासान थामने की पहल

जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (रूटा) के चुनाव को लेकर दो धड़ों में बंटे प्रोफेसरों को एक मंच पर लाने की कवायद हुई है। दो दिसंबर को विश्वविद्यालय में रूटा के दोनों धड़ों की बैठक बुलाई गई है। इसमें संयुक्त रूप से एक चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा जाएगा। चुनाव अधिकारी की नियुक्ति भी होगी। गुरुवार को रुविवि में फेडरेशन ऑफ यूपी यूनिवर्सिटी, कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह और सचिव डॉ. वाईएन त्रिपाठी ने यह रास्ता निकाला है। शिक्षकों ने उनके सामने रूटा में मचे विवाद का मसला रखा था। फेडरेशन के अध्यक्ष ने विवि से रूटा चुनाव के लिए नियुक्ति पर्यवेक्षक प्रोफेसर यशपाल सिंह से पूरे प्रकरण की जानकारी ली। बहरहाल, अब दो दिसंबर को रूटा की दोनों गुटों की संयुक्त रूप से होने वाली बैठक में साफ होगा कि यह घमासान थमेगा या बढ़ेगा। इतना जरूर है कि आगामी दो और नौ दिसंबर को होने वाले दोनों संगठनों के चुनाव टलने की आशंका जरूर बन गई है। रूटा पर दोनों का दावा

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रूटा, रुविवि से संबद्ध एडेड कॉलेजों के शिक्षकों का संगठन है। वर्तमान में रूटा के नाम से दो संगठन हैं, दोनों खुद को असल बताते हैं। इसमें एक संगठन के अध्यक्ष डॉ. एके रुस्तगी हैं, तो दूसरे के ¨हदू कॉलेज मुरादाबाद के डॉ. पीके शुक्ला। एक गुट ने ¨हदू कॉलेज मुरादाबाद में दो दिसंबर को चुनाव कराने का कार्यक्रम तय कर रखा है। जबकि दूसरे गुट ने बरेली कॉलेज में नौ दिसंबर का चुनाव कार्यक्रम तय कर रखा है।

दो महीने से चल रही खींचतान

दोनों संगठनों में चुनाव को लेकर पिछले दो महीने से खींचतान मची है। इस पर विवि प्रशासन रूटा का बायलॉज तलब कर उसका अध्ययन कर रहा है। साथ ही विवि में पंजीकृत संगठन को ही वैध मानते हुए चुनाव कराने की बात कह चुका है।


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