सीख, जिसने बदल दी जिंदगी
मैं जब प्राथमिक कक्षा का छात्र था मेरे प्रधानाचार्य की ईमानदारी मुझे बहुत प्रभावित कर गई।
By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:30 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 02:30 AM (IST)
मैं जब प्राथमिक कक्षा का छात्र था, मेरे प्रधानाचार्य की ईमानदारी मुझे बहुत प्रभावित कर गई। इसलिए मैं रिश्वत लेने-देने का घोर विरोधी हूं। मेरे प्रधानाचार्य ने यह भी बताया था कि सुबह आंखों को पानी से धोने और हरी घास पर टहलने से आंखों की रोशनी सदैव बरकरार रहती है। प्रथम सुख निरोगी काया को ध्यान में रखते हुए तब से ही मैंने यह नियम अपनाया है। मुझे जब भी किसी से कोई लाभदायक सीख प्राप्त होती है। मैं तुरंत पर अमल में ले आता हूं।
- जगपाल सिंह भाटी, वरिष्ठ सहायक, एनसीसी समूह मुख्यालय, बरेली
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