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Narcotics Drug News : दवा कारोबारियों ने ताक पर रखा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का आदेश, 9000 कैमिस्ट नहीं देते नारकोटिक्स दवा का ब्योरा

Narcotics Drug News साइकोट्राफिक सबस्टेंस यानी नशीली दवाओं के थोक और फुटकर विक्रेता खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के फरमान से परे है। बरेली के थोक और फुटकर 9000 कारोबारियों में एक ने भी दवाओं का रिकार्ड ड्रग विभाग को नहीं सौंपा है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 02:56 PM (IST)
Narcotics Drug News : दवा कारोबारियों ने ताक पर रखा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का आदेश, 9000 कैमिस्ट नहीं देते नारकोटिक्स दवा का ब्योरा
बरेली में 9000 केमिस्ट स्टोर.. लेकिन एक भी नारकोटिक्स ड्रग का ब्योरा नहीं देता

बरेली, जेएनएन। Narcotics Drug News : साइकोट्राफिक सबस्टेंस यानी नशीली दवाओं (जिनको चिकित्सक इलाज के दौरान मरीज को देता है) के थोक और फुटकर विक्रेताओं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के फरमान से परे है। बरेली के थोक और फुटकर 9000 कारोबारियों में एक ने भी दवाओं का रिकार्ड ड्रग विभाग को नहीं सौंपा है। ऐसे कारोबारियों की दवाओं की छानबीन के लिए अब छापामारी की तैयारी की जा रही है।

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जनवरी 2021 को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने नशीली दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए फुटकर और थोक कारोबारियों को दवाओं के खरीदने और बेचने के साथ स्टॉकेज के रिकार्ड को ड्रग विभाग को हर महीने सौंपने के लिए कहा गया था। निर्देश के जारी होते ही बरेली के कारोबारियों ने विरोध शुरू किया। रिकार्ड कोई नहीं देना चाहता था। लेकिन ड्रग विभाग ने शिकंजा कसने के लिए घेराबंदी जारी रखी। इसी दौरान कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। ड्रग विभाग का ये कदम साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस यानी नशीली दवाओं के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने वाला था। साथ ही इसके निर्माण और वितरण में होने वाली हेराफेरी पर भी लगाम लगने की संभावना भी बनी थी। इस तरह ड्रग विभाग के पास भी बरेली मंडल में दवाओं की खपत का डेटा मौजूद रहता।

हर सप्ताह आयुक्त कार्यालय भेजना था दवा रिकार्ड

एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के निर्माता, सी एंड एफ, डिस्ट्रिब्यूटर, औषधि का नाम, फर्म का नाम, पता, ई-मेल आइडी, मोबाइल नंबर, लाइसेंस की जानकारी औषधि निरीक्षक को दे जानी थी। हर सप्ताह सोमवार को ड्रग विभाग को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को जानकारी ई-मेल पर भेजी जानी थी। जिसकी निगरानी खुद आयुक्त औषधि को करनी थी।

नशीली दवाओं के कारोबार पर होती रही है छापमारी

पंजाब पुलिस ने कुछ महीने पहले छापामारी करके फरीदपुर के केमिस्ट स्टोर संचालक को पकड़ा था। नशीली दवाओं के खेप पकड़े जाने के बाद फरीदपुर की सप्लाई सामने आई थी। जोगी नवादा, जगतपुर के केमिस्ट बिना परामर्श देखे दवाओं की बिक्री करने के लिए पकड़े जा चुके हैं। किला के दवा कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर दिल्ली नारकोटिक्स की छापा और कारोबारियों को हिरासत में लेने के प्रकरण भी हो चुके हैं।

आयुक्त कार्यालय के निर्देश मिलने के बाद दवा कारोबारियों को जानकारी भेजी गई थी। फौरी विरोध भी हुआ। उससे विभाग का कोई लेनादेना नहीं। केमिस्ट से जानकारी नहीं मिलने के बाद अब औचक छापामारी की तैयारी की जा रही है। दवा के रिकार्ड में हेरफेर मिलने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। - विवेक कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर, बरेली

बड़े केमिस्ट अपना रिकार्ड व्यवस्थित रखते है। खरीद, फिर बिक्री। इस रिकार्ड को ड्रग विभाग को देने में कोई दिक्कत भी नहीं है। बरेली के शहर और देहात क्षेत्र में कुल नौ हजार केमिस्ट कारोबार कर रहे है। - दुर्गेश खटवानी, केमिस्ट एसोसिएशन


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