बरेली परिक्षेत्र में गेहूं व चावल खरीद में सवा सात करोड़ का गोलमाल
घटिया गुणवत्ता के खाद्यान्न को सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद दिखाकर करोड़ों रुपये की हेरा-फेरी की जा रही है।
बरेली(प्रशांत गौड़)। घटिया गुणवत्ता के खाद्यान्न को सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद दिखाकर करोड़ों रुपये की हेरा-फेरी की जा रही है। जिसे दस्तावेजों में सरकारी खरीद का सबसे अच्छा गेहूं, चावल दिखाया, वह घटिया निकला। इस घोटाले का पर्दाफाश किया भारत सरकार के कंज्यूमर अफेयर फूड एंड डिस्ट्रीब्यूशन विभाग की क्वालिटी कंट्रोल सेल की रिपोर्ट ने। बरेली में सवा सात करोड़ रुपये का गोलमाल सामने आया है। मामला दो माह से फाइलों में दबा था, अब अफसर खरीद एजेंसियों पर दोष मढ़ रहे हैं।
भारतीय खाद्य निगम ने इस वित्तीय वर्ष में बरेली परिक्षेत्र में अपने गोदामों के लिए माल खरीदा था। यह माल विभिन्न गोदामों में रखवाया है। मई में केंद्र सरकार की क्वालिटी कंट्रोल सेल ने सहारनपुर, मुरादाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बरेली परिक्षेत्र के गोदामों में भरे माल की जांच के लिए सैंपल लिए। बरेली क्षेत्र से पांच गोदामों से 136 नमूने भरे। इनमें गेहूं के 41 व चावल के 95 नमूने थे। क्वालिटी रिपोर्ट में गेहूं के 18 और चावल के नौ नमूने फेल हो गए। इन सैंपल वाले लाट में 2395 मीट्रिक टन गेहंू व 1274 मीट्रिक टन चावल की गुणवत्ता घटिया निकली।
गेहूं खरीद के आंकड़े
गोदाम - खाद्यान (मीट्रिक टन)
ललौरी खेड़ा - 427
रम्पुरा - 162
रसोइया - 1236
सीबी गंज - 400
पुरनपुरा - 170
कुल - 2395
समर्थन मूल्य - 1725 प्रति कुंतल दर से
लागत - 4,13,13,750 रुपये
चावल खरीद के आंकड़े
गोदाम - खाद्यान (मीट्रिक टन)
ललौरी खेड़ा - 135
रम्पुरा - 329
रसोइया - 486
सीबी गंज - 324
कुल - 1274
समर्थन मूल्य - 2450 प्रति कुंतल दर से
लागत - 3,12,13,000 रुपये
यह मिली खराबी
एफसीआई को 1.2 फीसद मिक्स, 3 फीसद क्षतिग्रस्त तथा 6 फीसद तक हल्का-सिकड़ा(बदरंग) खाद्यान खरीदने की छूट है। क्वालिटी कंट्रोल सेल की जांच में नमूनों में गेहूं 8 फीसद तक व चावल 28.8 फीसद तक हल्का-सिकड़ा(बदरंग) मिला है। 28 फीसद चावल टूटा-फूटा है। इसके अलावा मिलावट भी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार यह खाद्यान्न प्रयोग लायक नहीं है।
यह है नियम
एफसीआई राज्य सरकार की पीसीएफ, आरएफसी, एसएफसी, एनसीसीएफ, नैफेड, कर्मचारी कल्याण निगम आदि एजेंसियों से खाद्यान की खरीद करती है। खरीदे गए माल को गोदामों में सुरक्षित रखने से पहले इनकी गुणवत्ता फिर से परखी जाती है। सुरक्षित रखने के लिए दवाइयां आदि का छिड़काव भी कराती है। खाद्यान्न गुणवत्तापरक होने की गारंटी के साथ ही गोदाम से निकाला जाता है।
एजेंसी सही खाद्यान देने का कर रही दावा
केंद्र सरकार की क्वालिटी कंट्रोल सेल की मिली रिपोर्ट के आधार पर संबंधित खरीद एजेंसियों को खराब माल सप्लाई करने के लिए पत्र लिखा है। संबंधित एजेंसी सही खाद्यान देने का दावा कर दोबारा अपने सामने नमूनों की जांच की मांग कर रही हैं।
अखिलेश्वर ओझा, एरिया मैनेजर, एफसीआई