33 सप्ताह की गर्भवती महिला का करा दिया प्रसव, जुड़वा बच्चों में एक की मौत और दूसरे की हालत गंभीर
विकास खंड क्यारा की निवासी रचना देवी को घर में प्रसव पीड़ा हुई तो स्वजन उन्हें पड़ोस के अस्पताल में ले गए। वहां से 22 जनवरी को जिला महिला अस्पताल के लिए भेज दिया गया। अस्पताल में जांच की तो पता चला कि करीब 33 सप्ताह का प्रसव है।
बरेली, जेएनएन। जिला महिला अस्पताल में कराई गई प्रि-मैच्योर डिलीवरी के तीसरे दिन एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरे बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। जुड़वा पैदा हुए दोनों बच्चों को जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। एक बच्चे की मौत होने पर घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
विकास खंड क्यारा की निवासी रचना देवी को घर में प्रसव पीड़ा हुई तो स्वजन उन्हें पड़ोस के अस्पताल में ले गए। वहां से 22 जनवरी को जिला महिला अस्पताल के लिए भेज दिया गया। अस्पताल में डाक्टरों ने जांच की तो पता चला कि करीब 33 सप्ताह का प्रसव है, जबकि 36 सप्ताह से कम प्रसव नहीं होना चाहिए। उसमें भी अगर बच्चे जुड़वा हैं तो 37 से 38वें सप्ताह में प्रसव होना चाहिए था। 22 जनवरी की रात में गंभीर प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता रचना की डिलीवरी कराई गई। उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया। दोनों बच्चों का वजन मिलाकर एक स्वस्थ बच्चे से कम था। एक बच्चे का वजन 1.2 किलोग्राम और दूसरे बच्चे का जन्म 1.3 किलोग्राम था। अतिकुपोषित बच्चों को देखकर डाक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर ले जाने के लिए रेफर कर दिया, लेकिन स्वजन बच्चों को लेकर बाहर नहीं गए और यहां पर इलाज कराते रहे। बताया जा रहा है कि इन बच्चों को आइसीयू में हायर सेंटर में ले जाना जाना चाहिए। एसएनसीयू में उचित देखभाल नहीं हो सकी।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अलका शर्मा का कहना है कि 22 जनवरी की रात में प्रि-मैच्योर डिलीवरी हुई थी। दोनों नवजातों का बेहद कम वजन देखकर उनके परिजनों को पहले ही अवगत करा दिया था कि बच्चों की हालत गंभीर है। इसी वजह से बच्चों को हायर सेंटर रेफर कर दिया था। इसके बावजूद परिजन नहीं ले गए। इसमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि दूसरे की हालत गंभीर है।