एआरटीओ दफ्तर में 3039 ड्राइ¨वग लाइसेंस फर्जी निकले
बदायूं के एआरटीओ कार्यालय में बड़े स्तर पर ड्राइविंग लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आया है।
जेएनएन, बरेली : एआरटीओ कार्यालय में बड़े स्तर पर ड्राइविंग लाइसेंस फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल, रिन्यूवल के लिए आए कुछ लाइसेंस फर्जी निकले तो विभागीय अधिकारियों ने रिकार्ड खंगालना शुरू किया तो पूरे फर्जीवाड़े की परते खुलती चली गई। फौरी तौर पर सभी लाइसेंस का नवीनीकरण रद कर दिया गया। विभाग की ओर से परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी गई है। फर्जीवाड़े में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन हो गई है, लेकिन फर्जीवाड़ा फिर भी जारी है। कुछ दिनों पहले कई ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल के लिए एआरटीओ ऑफिस आए थे। विभागीय अधिकारियों को कुछ डीएल पर संदेह हुआ तो जांच बैठा दी। जांच के दौरान तीन हजार 39 फर्जी लाइसेंस जारी किए जाने का मामला सामने आया। इनमें अधिकांश कार और ट्रक के लाइसेंस शामिल हैं। एआरटीओ एनसी शर्मा ने बताया कि फर्जी डीएल मिलने पर उनके रिन्यूवल पर रोक लगा दी गई है। 3039 फर्जी डीएल के मामले में परिवहन आयुक्त को पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए लिखा गया है। जांच होने पर ही सच्चाई निकलकर सामने आएगी। इसके बाद ही चिह्नित कर डीएल के नवीनीकरण किए जाएंगे।
-1.03 लाख डीएल नहीं हुए डिजिटल : डीएल का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सभी का डाटा कंप्यूटर में फीड कराया जा रहा है। जिले में एक लाख से अधिक डीएल का डिजिटाइजेशन का काम पूरा भी हो चुका है, लेकिन अब भी एक लाख तीन हजार डीएल का डिजिटाइजेशन नहीं हो सका है। एआरटीओ ने बताया कि यह काम शासन स्तर से कराया जाना है, इसके लिए पत्र भेजा जा चुका है।