24 मौतों की गूंज शासन तक
आंवला क्षेत्र में फैले वायरल व मलेरिया से एक सप्ताह में 24 मौतें हो चुकी हैं।
जेएनएन, बरेली। आंवला क्षेत्र में फैले वायरल व मलेरिया से एक सप्ताह में 24 मौतें हो चुकी हैं। इसकी गूंज अब शासन तक पहुंच रही। वहा से जवाब मांगा गया है कि ये मौतें क्यों और किन परिस्थितियों में हुई।
विशारतगंज क्षेत्र के ग्राम बेहटाबुजुर्ग में रविवार को चौथी मौत हुई। यहां पर 60 वर्षीय आशिक हुसैन पिछले कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। उनकी सांस थम गई। बुखार के चलते पूर्व में यहां तीन मौतें हो चुकी हैं। पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इसी क्षेत्र के ग्राम कंधरपुर में पंचम की 35 वर्षीय पत्नी कुसुम की बुखार से रविवार को देरशाम मौत हो गई। सेहत विभाग भी बुखार के आगे हाथ खड़े कर चुका है। गांवों में बुखार पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सिरौली क्षेत्र के ग्राम कतुरोई में धनवती पत्नी महेश वसंतपुर की राजवती पत्नी कडेराम तथा कल्यानपुर की राजबाला पत्नी राजेश भी बुखार का शिकार हो गईं, तहसील क्षेत्र के ग्राम बेहटाबुजुर्ग में सर्वाधिक-4 मौतें बुखार से हुई हैं, वहीं ¨चजरी बालकिशनपुर कस्बा विशारतगंज, बीबनी, खैलम में दो-दो तथा ¨भडौरा बलेई भगवंतपुर शिव नगर बिहारीपुर, इस्माइलपुर, बडागांव, कतुरोई ठकुरान, वसंतपुर, कंधरपुर व कल्यानपुर में एक-एक मौत बुखार से हुई है। अब तक कुल 23 लोग बुखार के शिकार हो चुके हैं। खासबात यह है कि जानलेवा बुखार का प्रकोप ज्यादातर रामगंगा के खादर वाले इलाकों में है। स्वास्थ्य विभाग के पास इससे निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। क्षेत्र में कुल 87 एएनएम सेंटर बनाए गए हैं लेकिन उसमें से 32 सेंटर ऐसे हैं जहां एएनएम की तैनाती ही नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ रामभरोसे ही चल रही हैं। क्षेत्र के सभी अस्पतालों में बुखार के 6-7 सौ तो कहीं एक हजार तक मरीज पहुंच रहे हैं जबकि इन अस्पतालों में मानक के अनुरूप चिकित्सक भी नहीं हैं। एसडीएम विशुराजा ने बताया कि उन्होंने सीएमओ को पत्र भेजकर सारी स्थिति से अवगत करा दिया है। उन्होंने रविवार को मझगवां स्वास्थ्य केद्र का निरीक्षण किया।