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Holi 2020 : खुदागंज में कायम है दो सौ साल पुरानी परंपरा, आज खेली जा रही जूतामार होली Shahjahanpur News

खुदागंज में दो सौ साल पुरानी परंपरा के तहत शनिवार को होली का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह से ही रंगों के बीच सरोबार लोग लाट साहब के जुलूस के साथ मस्ती में निकले।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 01:47 PM (IST)
Holi 2020 : खुदागंज में कायम है दो सौ साल पुरानी परंपरा, आज खेली जा रही जूतामार होली Shahjahanpur News
Holi 2020 : खुदागंज में कायम है दो सौ साल पुरानी परंपरा, आज खेली जा रही जूतामार होली Shahjahanpur News

शाहजहांपुर, जेएनएन : खुदागंज में दो सौ साल पुरानी परंपरा के तहत शनिवार को होली का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह से ही रंगों के बीच सरोबार लोग लाट साहब के जुलूस के साथ मस्ती में निकले। जूतामार होली के जुलूस को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है। जिसके चलते क्षेत्र में फोर्स भी तैनात किया गया है।

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 रंगपंचमी पर खेली जाती है होली 

खुदागंज एक ऐसा क्षेत्र है जहां लोग होली का पर्व रंगपंचमी के दिन ही मनाते है। यहां होली के पर्व पर होली नहीं खेली जाती। क्षेत्रीय लोग  होली के दिन हाेली न मनाने के सही कारणों को तो नहीं जानते। बस वह इतना कहते है कि करीब 200 साल से होली इसी द‍िन मनाते आ रहे है। जो अब परंपरा बन गई है। 

प्रसिद्ध है यहां की जूतामार होली 

पूरी दुनिया में शाहजहांपुर ही एक ऐसा जनपद है जहां जूतामार होली मनाई जाती है। इसके साथ ही लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है। जो यहां के होली के पर्व का खास आयोजन है। जिसको लेकर लोगों को यहां काफी उत्साह भी रहता है। हालांकि इस दौरान विवाद होने की संभावना अधिक रहती है।

क्षेत्र में निकली होल‍ियारों की टोली 

होली के पांचवें दिन रंग खेलने की परंपरा है। सुबह से ही होरियारों की टोलियां सड़कों पर निकल आयीं। जगह-जगह डीजे और ढोल पर युवाओं की टोलियां डांस करते हुए लक्ष्मीपुर मुहल्ले से लाट साहब का जुलूस के साथ थाने  पहुंची। जहां लाट साहब ने एसओ से ईनाम लिया। इसके बाद पक्का तालाब, जैन मुहल्ला, मुख्य बाजार होते हुए कुचाई घाट पर जुलूस समाप्त होगा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात रही।

प्रधान संघ के अध्यक्ष पवन सिंह की माने तो थाने में बहुत पहले एक  दारोगा आए थे उन्होंने पंचमी पर रंग खेलने की परंपरा शुरू की थी जो अब तक चल रही है। उनके कहना है कि इसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं था।


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