पहले दिन 145 रोडवेज बसों से 1800 यात्रियों ने किया सफर
बरेली जेएनएन देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर 22 मार्च से रुके रोडवेज बसों के पहिये सोमवार को दोबारा शुरू हुए। हालांकि इस दौरान मुसाफिरों और परिवहन विभाग ने नई दिल्ली से दूरी बनाए रखी। मुसाफिरों को राजधानी से कुछ पहले उतारा गया।
बरेली, जेएनएन : देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर 22 मार्च से रुके रोडवेज बसों के पहिये सोमवार को आम मुसाफिरों के लिए फिर से सड़कों पर दौड़े। दोबारा शुरू हुआ सफर चालक-परिचालक और मुसाफिरों के लिए नए कायदों के साथ था। सुबह आठ बजे से रोडवेज बसें चलीं का संचालन नई शर्तों के आधार पर शुरू हुआ। हालांकि मुसाफिरों और परिवहन महकमे ने नई दिल्ली से दूरी ही रखी। वहीं, लखनऊ-कानपुर की ओर जाने वाले मुसाफिरों को हुलासनगरा की क्रॉसिंग बंद होने की वजह से बदले रूट पर सफर करना पड़ा। रोडवेज बसों का संचालन शुरू होने के बाद सुबह भीड़ रही। हालांकि दोपहर आते-आते बेहद कम मुसाफिर बस अड्डों पर दिखे। शाम तक बरेली परिक्षेत्र की 145 बसों से 1800 यात्रियों ने सफर किया। इस दौरान थर्मल स्क्रीनिंग करते हुए मुसाफिरों का नाम-पता दर्ज किया। सवारी कम होने से शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए मुसाफिरों को बैठाया गया। दिल्ली नहीं कौशांबी तक ही गईं बसें
रोडवेज ने बसों का संचालन अभी प्रदेश की सीमा में ही किया है। ऐसे में बस अड्डों से दिल्ली की ओर जाने वाली बसें गाजियाबाद के कौशांबी डिपो तक गई। सेटेलाइट बस अड्डे से गाजियाबाद तक गई एसी वोल्वो बस में सवारी न आने के कारण उसे दो घंटे देरी से केवल आठ सवारी लेकर भेजा गया। वहीं बसों में आरोग्य सेतु एप की जांच नहीं की गई। चालक-परिचालकों को दिया मास्क, सैनिटाइजर
बस अड्डों पर रोडवेज बस के चालक-परिचालकों को मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्ज दिया गया। जांच के बाद ही बस चलाने की अनुमति दी गई। वहीं कुछ कर्मचारियों ने मास्क, ग्लव्ज और सैनिटाइजर नहीं दिये जाने का आरोप लगाया है।
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इनसेट प्रवासी आए नहीं, शनिवार से जंक्शन पर खड़ीं रहीं बसें
जासं, बरेली : जंक्शन पर पिछले तीन दिनों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से एक भी प्रवासी नहीं उतरा है। लेकिन यहां दस रोडवेज बसें लगातार खड़ी हैं। बसों के चालक-परिचालक सुबह से शाम तक प्रवासियों का इंतजार करते हैं। एआरएम रूहेलखंड भुवनेश कुमार ने बताया कि रेलवे की तरफ से अब न तो किसी ट्रेन की जानकारी दी जा रही है और न ही आने वाले यात्रियों की। ऐसे में एहतियातन 10 बसें लगाई हैं। जिससे प्रवासियों को दिक्कत न हो। - भुवनेश कुमार, सहायक क्षेत्रिय प्रबंधक रूहेलखंड डिपो