जानिए किस मंत्री ने दी चेतावनी..गरीबों के मुंह का निवाला, उन्हीं के घर पहुंचना चाहिए
अधिकारियों की लंबी जाच के बाद जैसा कि अंदेशा था कुछ वैसा ही परिणाम सामने आया। क्यारा में पकड़ा गया गेहूं कोटे का अनाज नहीं निकला है। देवचरा और बभिया के किसानों के बयानों के साथ यह साबित किया गया कि पकड़ा गया अनाज कोटे की दुकान से नहीं बल्कि उनसे खरीदा गया था। हालाकि एसडीएम सदर ईशान प्रताप सिंह ने हाथों से छूटते पूरे मामले में गल्ला व्यापारी मुनीष पर 1.53 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
बरेली, जेएनएन : गरीबों के मुंह का निवाला है, कोटे का रियायती दरों पर मिलने वाला अनाज। सरकार की दी सुविधा है, किसी राशन माफिया के गोदाम में नहीं, गरीब के घर में ही पहुंचना चाहिए। यह बात खाद्य एवं रसद विभाग के राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह ने कही। वह मुरादाबाद और रामपुर से कोटे के अनाज के वितरण की समीक्षा करने के बाद देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे थे।
दैनिक जागरण से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि पूरब में हमने घपला करने वाले कोटे निरस्त कर दिए। सौ या दो सौ नहीं, बल्कि चार सौ। इसलिए गड़बड़ी मिलने का मतलब है कि मुरव्वत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पहले सर्किट हाउस में ही खाद्य एवं रसद विभाग, जिला पूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। फिर गेहूं खरीद केंद्र भी देखने जाएंगे। उन्होंने साफ संकेत दिए कि गड़बड़ी मिलने का मतलब सख्त कार्रवाई होगी। -----------------
गल्ला व्यापारी पर 1.53 लाख रुपये जुर्माना
बरेली, जेएनएन : अधिकारियों की लंबी जाच के बाद जैसा कि अंदेशा था, कुछ वैसा ही परिणाम सामने आया। क्यारा में पकड़ा गया गेहूं कोटे का अनाज नहीं निकला है। देवचरा और बभिया के किसानों के बयानों के साथ यह साबित किया गया कि पकड़ा गया अनाज कोटे की दुकान से नहीं, बल्कि उनसे खरीदा गया था। हालाकि एसडीएम सदर ईशान प्रताप सिंह ने हाथों से छूटते पूरे मामले में गल्ला व्यापारी मुनीष पर 1.53 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि गल्ला व्यापारी का मंडी समिति से लाइसेंस नहीं था, जबकि उसका अनाज कई महीनों से मंडी के जरिए ही बिक रहा था। बिना लाइसेंस ऐसा करना गैरकानूनी होता है। इसलिए बकायदा शमन शुल्क वसूलने की तैयारी है। बुधवार को गल्ला व्यापारी के नाम पर नोटिस जारी हुआ कि वह जुर्माना जमा कराए। बीते रविवार को एसडीएम ईशान प्रताप के सामने पेश हुए गल्ला व्यापारी मुनीष ने 400 बोरी गेहूं और चावल को अपने निजी गोदाम का बताया था। इससे संबंधित दस्तावेज भी उसने एसडीएम को सौंपे थे। एसडीएम ने मंडी समिति के निरीक्षक को जाच के नए सिरे से निर्देश जारी किए थे। बुधवार को यह जाच पूरी हो गई। इससे पहले तैयारी थी कि अगर यह अनाज कोटे की दुकान का निकलता है तो एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। मुनीश लाइसेंसी व्यापारी नहीं था। इसलिए शुल्क वसूलने की तैयारी पूरी कर ली गई थी।
यह है पूरा मामला
31 मई की रात को 23.40 क्विंटल चावल हाथ से सिले हुए 39 बोरे पुलिस ने जब्त किए थे। मौके से पकड़े गए मंगली ने बयान दिया कि वह सिर्फ पल्लेदारी करता है। पूíत निरीक्षक ललित श्रीवास्तव की छानबीन में सामने आया कि क्यारा के सत्यदेव के घर का एक हिस्सा 500 रुपये किराये पर अनाज रखने के लिए मुनीश ने लिया है। यहा 432 कट्टे गेहूं मिला। मौके पर गेहूं खरीद के कोई दस्तावेज नहीं दिखाए गए।
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