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चिन्मयानंद प्रकरण: एटीएम से निकाले 15 सौ रुपये, ट्रेस हो गई थी छात्रा की लोकेशन

24 अगस्त को वीडियो वायरल होने के बाद लापता हुई छात्रा तक पुलिस कैसे पहुंची उसको राजस्थान के दौसा के होटल में कैसे ढूंढ निकाला गया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 05:30 PM (IST)
चिन्मयानंद प्रकरण: एटीएम से निकाले 15 सौ रुपये, ट्रेस हो गई थी छात्रा की लोकेशन
चिन्मयानंद प्रकरण: एटीएम से निकाले 15 सौ रुपये, ट्रेस हो गई थी छात्रा की लोकेशन

जेएनएन, शाहजहांपुर :  24 अगस्त को वीडियो वायरल होने के बाद लापता हुई छात्रा तक पुलिस कैसे पहुंची, उसको राजस्थान के दौसा के होटल में कैसे ढूंढ निकाला गया। इन सवालों के जवाब एक मैसेज में छिपे हैं। वो मैसेज, जो उसके साथ गए कार चालक के मोबाइल पर आया। उसी के जरिये पुलिस छात्रा तक पहुंच गई। 

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 24 अगस्त को छात्रा ने फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया था। मामला चर्चा में आया तो पुलिस तलाश में जुटी। परिजन कह चुके थे कि वह कहां गई, उन्हें नहीं पता। अनहोनी की आशंका जताई। वहीं, चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह की ओर से भी अज्ञात नंबर से रंगदारी मांगने की शिकायत पुलिस में दी जा चुकी थी। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच को लगाया गया। टीम के पास चिन्मयानंद, छात्रा, उसकी मां, पिता के फोन नंबर थे।

सर्विलांस ने सुझाया रास्ता 

एसपी डॉ. एस चिनप्पा ने सर्विलांस टीम को भी इस काम में लगाया। जिससे कई सुराग मिले। दरअसल, वीडियो वायरल करने के बाद छात्रा संजय ङ्क्षसह के साथ दिल्ली पहुंची थी। वहां से उसने होटल कर्मचारी के फोन से अपनी मां के मोबाइल पर कॉल की। हालचाल बताए। इसी के जरिये क्राइम ब्रांच दिल्ली में उस कर्मचारी तक पहुंची मगर तब तक छात्रा वहां से जा चुकी थी। 

ड्राइवर का हासिल किया नंबर 

दिल्ली के होटल में पूछताछ हुई तो उस कार का नंबर मिल गया, जिसमें छात्रा व संजय वहां आए थे। उस कार के नंबर की डिटेल निकलवाई गई। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि कार पर एक स्टीकर चिपका हुआ है, जिस पर उस एजेंसी का नंबर लिखा जहां सर्विस कराई गई थी। क्राइम ब्रांच उस एजेंसी पर पहुंची, कार व चालक का ब्योरा लिया। वहीं से कार चालक का नंबर मिला मगर बंद जा रहा था। फिर भी उसे सर्विलांस पर ले लिया गया। 

रुपये निकालते ही ट्रेस हुई लोकेशन

29 अगस्त को एक मैसेज से क्राइम ब्रांच की आंखों की चमक बढ़ गई। कार चालक ने अपने डेबिट कार्ड के जरिये एक एटीएम मशीन से करीब 1500 रुपये निकाले। उसका मैसेज मोबाइल पर जाते ही सर्विलांस टीम को पता चल गया। मैसेज के डिटेल में बैंक का नाम आदि मिल गया था। टीम ने उसी आधार पर बैंक से संपर्क किया और उस एटीएम की लोकेशन पूछी। पता चला कि एटीएम राजस्थान के दौसा जिले में लगा हुआ है। 

पहुंची टीम मिले संजय व छात्रा

30 अगस्त सुबह क्राइम ब्रांच टीम राजस्थान के दौसा में उस जगह पहुंच गई, जहां एटीएम लगा था। आसपास के होटल खंगालने शुरू कर दिए। एक होटल के रजिस्टर में छात्रा व संजय के नाम की एंट्री मिल गई। तुरंत अधिकारियों को सूचित किया गया और चंद मिनट बाद ही क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई शुरू कर दी। होटल की लॉबी से पहले संजय को हिरासत में लिया। उसके बाद साथ गई महिला पुलिस को कमरे में भेजा जो कि छात्रा को बाहर ले आई। 

जिले के एक नेता राजस्थान तक साथ 

जिस समय क्राइम ब्रांच अपनी कार्रवाई कर रही थी तो जिले के एक नेता भी वहां आ गए। बताया जा रहा कि वे लगातार संजय के साथ ही थे। क्राइम ब्रांच पूछने पर उन्होंने कहा कि इत्तेफाक से होटल तक आ गए। वे अपने काम से दौसा आए थे। उन नेता ने संजय को छोड़ने की सिफारिश भी की। हालांकि क्राइम ब्रांच ने अधिकारियों से बात करने को कहा तो वे पीछे हट गए। इसके बाद शाहजहांपुर तक साथ चलने की बात कहकर अपनी कार क्राइम ब्रांच के पीछे लगा दी। फतेहपुर सीकरी पहुंचने पर छात्रा को जब सुप्रीम कोर्ट ले जाने के आदेश मिले, तब नेता वहां से दूसरे रास्ते पर चल दिए।  


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