स्टाम्प घोटाले की रकम के होते थे पांच हिस्से, हरीश रोकडियां के बयान से फंसे कई अधिकारी Badaun News
विरासत में मिले घोटाले को आगे बढ़ाने वाला हरीश रोकड़िया इस मामले में अकेला नहीं था। रकम के पांच हिस्से किए जाते थे।
जेएनएन, बदायूं: विरासत में मिले घोटाले को आगे बढ़ाने वाला हरीश रोकड़िया इस मामले में अकेला नहीं था। रकम के पांच हिस्से किए जाते थे। यह बयान खुद पीसीआर के दौरान दिया और इसी बयान के आधार पर कई जिम्मेदारों की गर्दनें फंस गई हैं। जागरण ने पहले ही खुलासा कर दिया था। जबकि शुक्रवार को यह कार्रवाई हो गई। अभी भी यह माना जा रहा है कि कई और भी इस प्रकरण में लिप्त निकलेंगे।
रोकड़िया भी यह बात समझ गया था कि अब वह इस मामले में बच नहीं पाएगा। वरना सफेदपोशों की आड़ में वह पुलिस से तो बच निकला था, लेकिन अदालत ने उसे अग्रिम जमानत देने से इंकार किया तो उसने चोरी छिपे सरेंडर कर दिया था। कारगुजारियों से पर्दा उठते देख रोकड़िया ने इस मामले की जांच शुरू होते ही दफ्तर आना बंद कर दिया। इतना ही नहीं वह मोटी नकदी लेकर घर से फरार हो गया था।
जब तक घोटाला खुला और मुकदमा दर्ज हुआ, वह पुलिस की पकड़ से दूर जा चुका था। स्वाट व सर्विलांस टीमों ने बरेली के संजयनगर स्थित उसके घर पर छापा मारा लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इतना ही नहीं उसकी बहन की शादी के दौरान भी पुलिस इसी फिराक में रही कि वह आएगा तो पकड़ लेंगे लेकिन कुछ सफेदपोश उसकी ढाल बनकर सामने आ गए।
वर्ष 2013 से 2019 तक इनकी रही तैनाती : प्रभारी एसटीओ के तौर पर तैनात रहे रमेश अग्रवाल, पूर्व एसटीओ प्रवीन कुमार त्रिपाठी और दातागंज तहसीलदार नितिन कुमार तनेजा, उनसे पहले तैनात रहे सतीश चंद्र, रणवीर सिंह, मनोज प्रकाश, अशोक कुमार, संजय कुमार, आरपी सिंह, जितेश वर्मा, सोहन लाल आदि हैं।