1268 करोड़ की रबड़ फैक्ट्री फंसाने को निकाली थी रकम
जागरण संवाददाता, बरेली : रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों के भविष्य निधि की राशि के लिए प्रशासन
जागरण संवाददाता, बरेली : रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों के भविष्य निधि की राशि के लिए प्रशासन के खाते में जमा रकम से भुगतान कराने का दांव ऐसे ही नहीं खेला गया था। सरकारी खाते से 1.32 करोड़ रुपये निकालने के पीछे पूरी रबड़ फैक्ट्री फंसाने की प्लानिंग की गई थी। इसलिए प्रशासन ने भी खाते से रकम निकलने पर अपने एसीएम के निलंबित होने और 1268 करोड़ की मालियत वाले मेगा प्रोजेक्ट के हाथ से खिसकने की आहट होने पर ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में धीरे-धीरे परतें अब खुल रही हैं। उधर, मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि निगम के अधिकारियों ने एसएसपी से मुलाकात कर मुकदमे में राहत देने की गुजारिश की। एसएसपी ने जांच निष्पक्ष होने का भरोसा दिया।
रबड़ फैक्ट्री का महज 5195 रुपये का बनता था क्लेम
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक मेसर्स सिंथेटिक्स एंड केमिकल नाम की फर्म को सरकार ने सीधे लीज पर जमीन दी थी। अब 2008 में बड़ा बाईपास चौड़ीकरण में 22 एकड़ जमीन और इसी फैक्ट्री में से ली गई। उसी 3.20 करोड़ रुपये मालियत राशि से फिर से आगणन कराया। भुगतान की रकम महज 5195 रुपये बनी थी। रबड़ फैक्ट्री के मालिकों ने प्रशासन से वर्तमान सर्किल रेट के आधार पर 4.22 करोड़ रुपये की मांग की थी। जबकि, फैक्ट्री बंद हो चुकी थी और लीज शर्तो के मुताबिक जमीन अनौपचारिक तौर पर राज्य सरकार की ही थी।