Move to Jagran APP

शारदा में छोड़े गए 1.24 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी से बढ़ा बाढ का खतरा Pilibhit News

शारदा में बनवसा बैराज से 1.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी में बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न होने की संभावना है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:24 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 10:24 PM (IST)
शारदा में छोड़े गए 1.24 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी से बढ़ा बाढ का खतरा Pilibhit News
शारदा में छोड़े गए 1.24 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी से बढ़ा बाढ का खतरा Pilibhit News

पीलीभीत, जेएनएन। शारदा में बनवसा बैराज से 1.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी में बाढ़ जैसे हालत उत्पन्न होने की संभावना है। नदी में पहले ही पर्याप्त मात्रा में पानी होने से निचले स्थानों पर बह रहा है। अचानक सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी के हालात और बिगड़ सकते हैं। बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।

loksabha election banner

मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र में दो दिन से रूक रूक कर हो रही बरसात से काफी पानी पहले ही शारदा में चल रहा है। सोमवार सुबह सात बजे तक 79 हजार क्यूसेक पानी चल रहा था। नदी का जलस्तर पहले ही ठीक था। निचले इलाकों और रास्तों में पानी अभी तक भरा हुआ है। इसके चलते लोगों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

अचानक वनबसा बैराज से 1.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। इससे नदी में बाढ़ जैसे हालत होने की संभावना है। शासन की ओर से प्रदेश में जिन बाढ़ प्रभावित जिलों की घोषणा की गई है, उसमें पीलीभीत जिला भी शामिल है। बाढ़ बचाव के लिए चिंहित जगहों पर बनाई गई बाढ़ चौकियों पर रहने वाले कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। नहरोसा में वैसे ही कटान काफी तेजी से हो रहा है।

अगर पानी की अधिकता हुई तो वहां स्थिति और गंभीर हो सकती है। निचले रास्तों में जलभराव के साथ ही कटान बढ़ने की भी संभावना है। हालांकि राहुलनगर में कटान थमा हुआ है लेकिन पानी बढ़ने से वहां कटान शुरू होने की आशंका है। ग्रामीणों ने बचाव कार्य तेज कराने के निर्देश दिए हैं। उपजिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि नदी में पानी बढ़ने की सूचना मिली है। कर्मचारी लगातार निगरानी में जुटे हुए हैं। वह हालात की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.