कोरोना संक्रमणकाल में युवा वालंटियर मरीजों के लिए बने संजीवनी
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन में गंभीर मरीजों के लिए वालंटियर किसी देवदूत से कम नहीं हैं। गंभीर मरीजों के लिए घर-घर दवा पहुंचाने का कार्य युवा वालंटियर कर रहे हैं। इंटर व स्नातक पास युवा वालंटियर मरीजों के लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं।
बाराबंकी: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन में गंभीर मरीजों के लिए वालंटियर किसी देवदूत से कम नहीं हैं। गंभीर मरीजों के लिए घर-घर दवा पहुंचाने का कार्य युवा वालंटियर कर रहे हैं। इंटर व स्नातक पास युवा वालंटियर मरीजों के लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। मरीजों से उनका पर्चा लेकर दवा घर तक पहुंचाने का कार्य समय पर कर रहे हैं। खास बात यह है कि दूरदराज से क्षेत्र में यह वालंटियर पहुंचकर मेडिकल स्टोरों से दवा लेकर दवा उपलब्ध कराते हैं।
मेढि़या फार्म के निकट रहने वाले इंटर उत्तीर्ण नितिन गुप्ता कहते हैं कि शुरू के एक दो दिन में रास्ते में दिक्कतें आई। लेकिन अब अगर दिक्कत आती भी है तब भी मरीजों के घर हर हाल में दवा पहुंचाता हूं। जैदपुर के बंगला बाजार निवासी रणधीर सिंह कहते है कि वे दवा व्यवसायी जितेंद्र सिंह गुप्ता से प्रेरित होकर वालंटियर बने हैं। वे कहते है कि मुझे एक समय लगा कि कई मरीज बिना दवा के गंभीर रूप से बीमार हो जाएंगे। तभी मैने वांलटियर बन दवा पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
सेवा भाव के प्रति समर्पण: मंजीठा निवासी शैलेंद्र कुमार कहते हैं कि मैने सेवाभाव अपने परिवार से सीखा। यही वजह है कि मैं मेडिकल स्टोर से दवा लेकर मरीजों के घर दवा पहुंचाने का कार्य कर रहा हूं। शहर के सुभाष नगर निवासी रंजीत सिंह का कहना है कि बिना किसी भेदभाव के गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को दवा पहुंचा रहा हूं।
कर रहे दवा व्यवसायी मदद : दवा व्यवसायी जितेंद्र सिंह वर्मा, संजय शुक्ला कहते हैं कि वालंटियर्स की तलाश काफी दिनों से थी। यह वालंटियर ऐसे कठिन वक्त में निश्चित रूप से देवदूत का कार्य कर रहे हैं। इन वालंटियर को संगठन की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
इनसेट: दवा पहुंचाने के लिए वालंटियर की तलाश शुरू से की जा रही थी। लॉकडाउन में यह वालंटियर निश्चित रूप से बेहतर कार्य कर रहे हैं।
सुमित वर्मा, औषधि निरीक्षक, बाराबंकी।