अपने जेब से नौनिहालों को स्मार्ट बना रहे शिक्षक
दीपक मिश्र, बाराबंकी एक ओर जहां तमाम सरकारी योजनाएं संचालित किए जाने के बाद भी प्राथमिक
By Edited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 12:49 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 12:50 AM (IST)
दीपक मिश्र, बाराबंकी एक ओर जहां तमाम सरकारी योजनाएं संचालित किए जाने के बाद भी प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर में सुधार चुनौती बनी हुई है। वहीं कुछ उत्साही महिला शिक्षक समूह बनाकर सरकारी स्कूलों के नौनिहाल स्मार्ट बन रहे हैं। 22 दिसंबर 2017 को 'बेहतरी की ओर एक कदम' नाम से बने समूह के सदस्य अपने वेतन से राशि मिलाकर सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लासेस और ई-लर्निंग की सुख सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। पठन-पाठन को रुचिकर बनाने के लिए स्मार्ट क्लासेस और ई-लर्निंग प्रोजेक्टर विधा का प्रयोग किया जा रहा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुम्हरौरा की शिक्षिका वैशाली गुलसिया और खंड शिक्षा अधिकारी नवाब वर्मा ने पहल की। वैशाली गुलसिया, विनीता जायसवाल, शुभ्रा दीक्षित, नीतू ¨सह, रेखा वर्मा, रोली मेहरोत्रा, सरिता रस्तोगी, संगीता, शिवानी ¨सह, कीर्ति श्रीवास्तव, अलका गौतम आदि समूह की सदस्य हैं। यह हैं शिक्षक समूह के नियम बीईओ नवाब वर्मा बताते हैं कि शिक्षक अपने वेतन से प्रति माह पांच सौ रुपये देते हैं। 12 अध्यापकों के स्कूलों का लॉटरी के माध्यम से विद्यालय का चयन कर आवश्यकता वाले संसाधन खरीदे जाते हैं। वे अब तक 18 विद्यालय स्मार्ट बना चुके हैं। इन स्कूलों में कराए जा चुके हैं कार्य बंकी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुम्हरौरा, पैसार देहात, संदौली उमापुर, माती, ¨नदूरा के प्राथमिक विद्यालय सरायं शाहबाज, बंकी के डबुकीपुरवा, सराय अकबराबाद, प्राथमिक विद्यालय दरामनगर, बंकी के भुहेरा, बस्ती, बड़ेल द्वितीय आदि विद्यालयों में प्रोजेक्टर, माइक, एलईडी, कंप्यूटर आदि उपकरण करीब तीन लाख की लागत से खरीदकर प्रयोग हो रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है और भाषा उच्चारण की अशुद्धियां कम हुई हैं। कार्य सराहनीय है, अभी तक शिक्षकों के अपने वेतन से नौनिहालों की पढ़ाई पर पैसा खर्च कर रहे हैं। यह फाइल शासन तक भेजी जाएगी। '' वीपी ¨सह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी।
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