समृद्धि के मार्ग पर चल पड़े सूरतगंज के महिला समूह
421 समूह की 3500 महिलाएं नवीनतम तकनीक से कर रहीं खेती
बाराबंकी: सूरतगंज ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम एंडौरा की माया देवी कक्षा आठ तक पढ़े हैं। पति मोबाइल मरम्मत की दुकान करते हैं। तीन बच्चे भी हैं। पांच सदस्यों के अपने परिवार के साथ ही माया देवी ने अपने समूह की नौ और सदस्यों के परिवार की गृहस्थी को चार चांद लगा दिए।
वर्ष 2017 में जय महालक्ष्मी स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ तो कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2018 में कृषि सखी का प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्नत खेती शुरू की। श्रीविधि से धान की रोपाई कर अच्छा उत्पादन किया। टमाटर के साथ ही बैगन, लौकी, भिडी, तरोई, कद्दू आदि सब्जियों की फसले जैविक विधि से उगाकर समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया। इसी तरह के सूरतगंज ब्लॉक में 421 समूह की 3500 (साढ़े तीन हजार) महिलाएं अपनी मेहनत से धीरे-धीरे महिला सशक्तिकरण का पर्याय बन चुकी हैं। गृहस्थी की गाड़ी संचालन में इनकी भूमिका पुरुषों से कम नहीं आंकी जा रही है।
सब्जियों की फसलों से बनी पहचान : खेतों में कतार में लगी सब्जियां लोगों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींचती हैं। ग्राम एंडौरा, रिछली, मुकौली, ज्योली, तुरकौली, केसरई, मल्हापुर, पिपरी मोहर, जुरौंडा, मोहार, बतनेरा, सिकौहना व बल्लोपुर आदि 50 गांवों में महिला समूहों के 46 एकड़ खेतों में बैंगन, करैला, मिर्च, कद्दू, लौकी आदि हरी सब्जियों की भरमार है। कतारबद्ध तरीके से की जा रही धान की रोपाई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
महिला किसान सशक्तीकरण योजना ने दिखाई राह : प्रदेश के 21 जिलों के 24 विकास खण्डों में महिला किसान सशक्तीकरण योजना संचालित की जा रही है जिसमें सूरतगंज ब्लॉक भी शामिल है। महिला किसानों के समूह बनाकर उन्हें विशेषज्ञों ने आधुनिक तरीके से खेती का प्रशिक्षण दिया। माया देवी, जयादेवी, आशा देवी, रामावती, जूली देवी, सीमा सिंह, चांदनी देवी एड़ौरा की महिला किसान माया देवी, जयादेवी, आशा देवी, रामावती, जूली देवी, सीमा सिंह, चांदनी देवी आदि गोबर से जैविक खाद व गोमूत्र से कीटनाशक बनाकर फसलों में प्रयोग करती हैं।
महिला किसानों के समूहों वाकई में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। खेती को लाभकारी बनाकर महिलाओं ने दिखा दिया है कि योजनाबद्ध तरीके से किया गया काम कामयाबी की कहानी लिखता है। इनकी जिनकी भी सराहना की जाए कम है।''
सुनील तिवारी, उपायुक्त श्रम रोजगार (डीसी एनआरएलएम)