केरल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन
: विश्व ¨हदू परिषद के तत्वाधान में विभिन्न ¨हदू संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के समक्ष केरल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन भी सौपा। ज्ञापन में कहा गया है कि जन आस्था के अनुरूप सबरीमाला मंदिर 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं का प्रवेश इसलिए वर्जित है क्योंकि मंदिर में ीाभगवान अयप्पा ब्रह्मचारी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
बाराबंकी : विश्व ¨हदू परिषद के तत्वाधान में विभिन्न ¨हदू संगठनों के पदाधिकारियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के समक्ष केरल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि जन आस्था के अनुरूप सबरीमाला मंदिर 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं का प्रवेश इसलिए वर्जित है क्योंकि मंदिर में भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल है फिर भी ¨हदू जनभावनाओं पर केरल सरकार निरंतर कुठाराघात कर रही है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जिस तरह सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। उसी तरह अट्टूकल मंदिर में पोंगल के अवसर पर बड़ी संख्या में जब महिलाएं पूजा करने के लिए एकत्र होती हैं तो पुरुषों का प्रवेश भी वर्जित है। आस्था के अनुसार धार्मिक संस्थानों को अपने नियम बनाने का अधिकार है।
ज्ञापन देने वालों में विहिप के जिलाध्यक्ष अमित शुक्ला, महामंत्री डॉ. अमित वर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदित्य ¨सह, उपाध्यक्ष अंशुमान द्विवेदी, ¨हदू युवा वाहिनी के नरेंद्र ¨सह सोनू, ¨हदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री मनीष श्रीवास्तव, अभिषेक शरण, राधेश्याम जायसवाल, मुकेश, सोनू वर्मा, राम लखन शुक्ल व शरद उपाध्याय आदि मौजूद थे।