'सेहतमंद बने रहने को करें आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग'
सीएमओ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को विश्व आयोडीन दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डा. विनोद कुमार दोहरे ने कहा कि विश्व आयोडीन दिवस लोगों को आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। ाराबंकी सीएमओ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को विश्व आयोडीन दिवस मनाया गया। इस मौके पर
बाराबंकी : सीएमओ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को विश्व आयोडीन दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डा. विनोद कुमार दोहरे ने कहा कि विश्व आयोडीन दिवस लोगों को आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
सर्वे के अनुसार विश्व में लगभग एक तिहाई लोग आयोडीन की कमी के शिकार हैं। उसको आधार मानकर देखा जाए तो जिले की आबादी करीब 38 लाख है। उसमें से लगभग 12 लाख लोग आयोडीन की कमी से प्रभावित होंगे। आयोडीन के लक्षणों के बारे में देखा जाए तो मुख्य रूप से घेंघा रोग, मोटापा होना, बालों का गिरना, त्वचा का रूखी हो जाना, शारीरिक थकान महसूस होना, गर्भावस्था में अधिक कमी होने से बच्चे के मानसिक मंदित होने का खतरा रहता है। साथ ही हृदय रोग जैसी बीमारी को भी जन्म देता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग जन सामान्य को लाभ पहुंचाएगा। इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अंडा, दूध, सब्जियों का सेवन करने में सम्मिलित है। आयोडीन, थायराइड, हार्माेन का एक मुख्य पार्ट होता है। इसकी कमी से थायराइड हार्मोन नहीं बन पाता है। इसको हाइपोथाइराएडिज्म कहते हैं। डा. अवधेश मौर्या ने बताया कि आयोडीन की जरूरत उम्र तथा वजन के हिसाब से पड़ती है जैसे छह से 12 वर्ष के उम्र के बच्चे में 120 माइक्रोग्राम, 12 वर्ष के बच्चे में लगभग 150 माइक्रोग्राम, गर्भवती महिलाओं में 220 माइक्रोग्राम आयोडीन की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। इसकी आवश्यकता बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं में और बढ़ जाती है। जो लगभग 290 माइक्रोग्राम तक हो जाती है। जागरूकता के साथ साथ आयोडाइज्ड नमक के सेवन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस मौके पर डा. सुनील जायसवाल, संजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।