वेंटिलेटर व आक्सीजन कंसंट्रेटर का ट्रायल तक नहीं हो सका
कई माह से वेंटिलेटर आक्सीजन कंसंट्रेटर का ट्रायल तक नहीं किया गया है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
वी. राजा, बाराबंकी
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए खूब कवायद हुई थी। संक्रमण घटने के साथ ही लापरवाही बढ़ गई है। कई माह से वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर का ट्रायल तक नहीं किया गया है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में तीसरी लहर में जरूरत पड़ने पर यह धोखा दे सकते हैं। कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान दरियाबाद सीएचसी सहित कई सीएचसी पर लगाए गए आक्सीजन कंसंट्रेटर खराब हो रहे हैं।
कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की विधि लगभग समान है। गंभीर और सामान्य कोरोना मरीज के लक्षण भिन्न होते हैं। इसलिए मरीजों के बेड, आक्सीजन, और अन्य खर्च प्रशासनिक स्तर पर होने चाहिए, लेकिन जिले में ऐसा नहीं है। पूर्व में कोविड अस्पतालों में यह तक ब्योरा दर्ज नहीं किया गया कि कितनी आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन उन्हें प्राप्त हुए थे।
वेंटिलेटर व कंसंट्रेटर की उपलब्धता का दावा : जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर व आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होने का दावा किया गया है। 57 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आक्सीजन कंसंट्रेटर की भी उपलब्धता बताई गई है। यह सब यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से उपकरण सीएमओ कार्यालय पहले पहुंचाए गए थे। इसके बाद यहां से सीएचसी व पीएचसी पर उपकरण पहुंचाए गए। यह उपकरण इस्तेमाल न होने के कारण जैसे गए थे वैसे ही अधिकांश जगहों पर रखे हुए हैं। इन उपकरणों का ट्रायल तक नहीं किया जा सका है। ऐसे में अगर इन उपकरणों की जरूरत तीसरी लहर में पड़ी तो कहीं आक्सीजन कंसंट्रेटर धोखा दे सकते हैं।
इनसेट:
जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर व आक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता है। इसके अलावा सीएचसी व पीएचसी पर आक्सीजन कंसट्रेटर भी उपलब्ध है। सभी सही है। जरूरत पड़ने पर इन उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
डा. रामजी वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी।
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फैक्ट फाइल
जिला चिकित्सालय में आक्सीजन कंसंट्रेटर:30
जिला महिला चिकित्सालय में आक्सीजन कंसंट्रेटर : तीन
जिला महिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर : तीन
जिला चिकित्सालय में वेंटीलेटर :15
पीएचसी पर कंसंट्रेटर : 57
सीएचसी पर कंसंट्रेटर : 40