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प्रशिक्षु अफसरों ने सीखा खेती से आय बढ़ाने का तरीका

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By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 12:46 AM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 06:25 AM (IST)
प्रशिक्षु अफसरों ने सीखा खेती से आय बढ़ाने का तरीका
प्रशिक्षु अफसरों ने सीखा खेती से आय बढ़ाने का तरीका

बाराबंकी : उपजिलाधिकारी 41 प्रशिक्षु अधिकारियों के दल ने शनिवार को औद्यानिक फसलों की खेती से आय बढ़ाने का तरीका सीखा। देवा क्षेत्र के दफेदारपुरवा में मोइनुद्दीन के खेतों में लगे विदेशी फूल, मिश्रीपुर गांव में परवेज अहमद के आधुनिक मछली पालन प्लांट और हरख ब्लॉक के दौलतपुर स्थित पद्म श्री रामसरन वर्मा की केला खेती देखी और उनसे केला के साथ ही टमाटर, मेंथा, आलू, तरबूज, खरबूजा आदि आमदनी वाली फसलों के बारे में जाना।

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रामसरन ने फसल चक्र से खेती के जरिए कम लागत में अधिक उत्पादन के साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ने का फार्मूला समझाया। रामसरन ने बताया कि उनकी तकनीक एक एकड़ केला से दो से ढाई रुपये व टमाटर में तीन से चार लाख रुपये प्रति एकड़ तक आमदनी होती है। ऐसे में रामसरन की शैक्षिक योग्यता और फार्म हाउस देख प्रशिक्षु अधिकारी यह सोचने पर विवश हो गए कि मेहनत व लगन से कक्षा आठ तक पढ़ा एक किसान खेती का रोल मॉडल बनने के साथ ही पद्मश्री सम्मान तक पहुंच सकता है। प्रशिक्षु अधिकारी देश दीपक सिंह, अनिल चतुर्वेदी, परमानंद झा आदि ने रामसरन वर्मा किसानों के आर्थिक उत्थान में उनके प्रयासों को सराहा।

दफेदारपुरवा में मोइनुद्दीन खेतों में पॉली हाउस में उगाए जा रहे जरबेरा फूलों की खेती देखी देखी और उनकी सफलता की भी कहानी सुनी। उन्होंने बताया कि वकालत की पढ़ाई करने के बाद जब फूलों की खेती करने का निर्णय लिया। पारंपरिक खेती की तुलना में फूलों से अच्छी आय हो जाती है। उन्हें देखकर क्षेत्र के अन्य किसानों ने भी फूलों की खेती शुरू की। कृषि उपनिदेशक अनिल सागर, सत्येंद्र सिंह, इंद्र प्रताप आदि मौजूद थे।


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