हेलमेट और सीट बेल्ट करते हैं मौत से बचाव
बाराबंकी : यातायात का प्रत्येक नियम आपकी सुरक्षा के दृष्टिगत ही बनाया गया है। हालांकि इसका अनुपालन
बाराबंकी : यातायात का प्रत्येक नियम आपकी सुरक्षा के दृष्टिगत ही बनाया गया है। हालांकि इसका अनुपालन न करके हम अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल कर हम जोखिम से बच सकते हैं। हेलमेट से गुरेज क्यों?:
आजकल पॉवर बाइक का जमाना है जो तेज रफ्तार में हवा से बातें करती है। इनकी कीमत लाखों में होती है। लोग लाखों खर्च कर बाइक का शौक तो पूरा कर लेते हैं, लेकिन जीवन को सुरक्षा देने वाले हेलमेट पर खर्च करना मुनासिफ नहीं समझते। इस पर भी खासतौर पर नवयुवा हेलमेट से गुरेज करता है। इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट (आइएसआइ) मार्क के हेलमेट हमें अधिक सुरक्षा देते हैं। 800 से 5000 रुपये : बाजार में आइएसआइ मार्क के कई कंपनियों के हेलमेट हैं। जिनकी कीमत आठ हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक होती है। हालांकि नाबालिग के लिए हेलमेट सभी कंपनियां नहीं बनाती हैं। 16 वर्ष के किशोर अथवा किशोरी के लिए हेलमेट बनते हैं, इनसे छोटों के लिए अभी नहीं।
प्रत्येक माह 1100 चालान : एआरटीओ ने बताया कि सीट बेल्ट और हेलमेट पर प्रत्येक माह औसतन 1100 चालान किए जाते हैं। इनमें 900 हेलमेट और 200 सीट बेल्ट का होता है। इन पर जुर्माना तो मात्र 100 रुपये है। हालांकि इतने प्रयास और कार्रवाई के बाद भी लोग इनका प्रयोग कम करते हैं।
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“सीट बेल्ट और ह लमेट के लिए प्रत्येक बुधवार को परिवहन और पुलिस विभाग में विशेष अभियान चलाया जाता है। दोनों ही वह उपकरण है, जो हमे और हमारे जीवन को सुरक्षा देते हैं। इनका प्रयोग करना चाहिए।''
“पंकज ¨सह, एआरटीओ प्रशासन, बाराबंकी।''