हाईवे को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग जर्जर, आवागमन दुरूह
हादसों का शिकार हो रहे लोग मरम्मत के लिए बताया जा रहा बजट का अभाव
रामसनेहीघाट, (बाराबंकी) : राजमार्ग से गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग जर्जर हैं। बजट के अभाव में इनकी मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। इससे आए दिन सड़क के गड्ढों में गिरकर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। सोमवार को जागरण टीम ने इलाके के संपर्क मार्गाें की पड़ताल की तो ज्यादातर सड़कें उखड़ी और गड्ढों में तब्दील दिखीं। विभागीय अधिकारी इनकी मरम्मत में बजट का रोड़ा बता रहे हैं।
सड़क मार्ग एक : भिटरिया-हैदरगढ़ मार्ग पर बहरेला नहर से तिवारीपुर, औदानपुरवा, बोदवा आदि गांवों को जाने वाले संपर्क मार्ग पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है और डामर गायब हो गया है। देवी प्रसाद तिवारी ने बताया कि इस गांव में प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय, डाकघर है। लेकिन, गिट्टी उखड़ी होने से लोग आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं।
सड़क मार्ग दो : हाईवे से धुनौली सुखीपुर मार्ग मरम्मत के बाद से ही सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। धरौली के प्रदीप सिंह ने बताया कुछ समय पहले इसकी मरम्मत हुई थी, लेकिन यह पुन: कई जगह से उखड़ गई है। सड़क के किनारे पटरियों तक गिट्टियां फैली हुई हैं, जिससे लोग बाइक व साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
सड़क तीन : मोहम्मदपुर कीरत से खेवराजपुर संपर्क मार्ग का मंडी परिषद से डामरीकरण कराया गया था। उसके उखड़ने से लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले मोहम्मदपुर खेवराजपुर मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। इससे बारिश के दिनों में आवागमन दुरूह हो जाती है। इस रोड का डामरीकरण एक वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन गिट्टियां उखड़ने लगी हैं। मोहम्मदपुर के मुकेश ने बताया कि कुछ दिन इसका लेपन हुआ था कितु कुछ समय बाद लेपन की हुई गिट्टियां उखड़ने लगी हैं।
सड़क मार्ग चार : भिटरिया-हैदरगढ़ मार्ग से निस्कापुर जाने वाली सड़क से प्रतिदिन प्रतापपुरवा, निस्कापुर ,सकौली, औदानपुरवा सहित बारह से अधिक गांवों के लोग आवागमन करते हैं। डामर उखड़ चुका है और सफेद बजड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
सड़कों की मरम्मत के लिए अभी कोई बजट नहीं मिला है। नया निर्माण कराने के लिए कार्ययोजना अप्रैल माह में दी गई है, जिसपर अभी कोई आदेश नहीं आया है। शासन स्तर पर मरम्मत कार्य का एस्टीमेट नहीं मांगा गया।
- अरविद मिश्र, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग।