किसानों की आय दोगुनी कर रहा ताइवान का तरबूज
किसानों की आय दोगुनी कर रहा ताइवान का तरबूज
बाराबंकी : गेहूं, धान की परंपरागत खेती से अलग क्षेत्र के कई किसान खेती के आधुनिक तरीके अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। गंगापुर के अश्वनी कुमार वर्मा भी इन दिनों अपने खेतों मे मल्चिग विधि का इस्तेमाल कर तरबूज की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं। गर्मियों का यह शीतल फल अब यहां के किसानों ने कम पानी में नई मल्चिग विधि से कर नए आयाम गढ़ रहे हैं।
बेलहरा के गंगापुर के अश्वनी कुमार वर्मा आधुनिक तकनीकि मल्चिग विधि से नदियों में पैदा होने वाले तरबूज की उन्नत फसल खेतों में उगाकर नए आयाम दे दिए। उद्यान विशेषज्ञों की सलाह से बीते पांच साल से 'मल्चिग' विधि अपनाई तो चौंकाने वाला मुनाफा मिला। नई विधि से ताइवानी तरबूज एक माह पूर्व तैयार होने लगता है। जो बाजार में हाथों-हाथ बिक जाता है। जनवरी में बीज रोपण होता है। लगभग दस हजार रुपये प्रति बीघे की लागत आती है। एक बीघे में 25 से 30 क्विंटल तरबूज का उत्पादन कर लगभग 60 से 70 हजार प्रति बीघे का मुनाफा मिलता है।
क्या है मल्चिग विधि : खेत की लंबाई में चौड़ी और ऊंची मेड बनाकर उसे पूरी तरह से पॉली कवर से ढक दिया जाता है। इसके बाद निर्धारित दूरी पर पॉलीकवर में छेदकर बीज रोपा जाता है। पॉली कवर खेत की नमी को बचाए रखता है, साथ खरपतवार के न उगने से जमीन के पोषक तत्व सीधे बीज अंकुरण के बाद पौध को मिलते हैं।
25 मार्च तक तैयार होगी फसल : किसान अश्वनी कुमार बताते है जनवरी में मक्का की फसल के बाद लोटेनल व मल्चिग विधि से तरबूज के सरस्वती प्रजाति के बीज की बोआई की थी। यह फसल 25 मार्च तक तैयार हो जाएगी। इस विधि से खेती करने में सिचाई बहुत कम करनी पड़ती है। समय से पहले फसल तैयार हो जाने से अच्छा फायदा भी हो जाता है।
यह भी अपने लगे नई विधि : मल्चिग विधि से खेती क्षेत्र के ग्राम केशरई निवासी इरफान, गंगापुर के रामचन्द्र वर्मा, आशीष वर्मा, घघसी ग्राम के रमेश वर्मा, ग्राम किशुनपुरवा निवासी कैलाश वर्मा, संतोष वर्मा खेती कर रहे हैं।