593 गांवों में जलेंगे 'स्वच्छता के दीप'
बाराबंकी : जिले में 1808 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष 593 गांवों को ओडीएफ कर दिया गया है। जह
बाराबंकी : जिले में 1808 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष 593 गांवों को ओडीएफ कर दिया गया है। जहां पहली बार ग्रामीण स्वच्छता के दीप जलाएंगे। प्रशासन की जागरूकता से लोग खुद से शौचालय बनवाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि हम खुद से शौचालय बनवाकर स्वच्छता का दीप जलाएंगे।
खुले में शौच मुक्त गांव हो चुके हैं। यहां के लोग अब दूसरे गांवों की नजीर बन चुके हैं। ओडीएफ गांवों के परिवारों में स्वच्छता का दीप इस बार दीपावली में जलाएंगे। ओडीएफ गांवों को देखकर दो सौ और गांवों में लोग खुद से शौचालय निर्माण कराने का मोर्चा संभाला है। पूरे जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इस दौड़ में बाराबंकी के 593 गांवों ने स्वच्छता पर जीत हासिल कर ली है। इन गांवों के लोगों ने सबसे आगे आकर खुद से और अनुदान पर शौचालय बनवाया और अब प्रयोग करने लगे हैं। ओडीएफ हुए गांव इसराहना, चककोदर, री-सीवां, गदाईपुर, चंदवारा, बसारा, कोठी, चकरौलिया, हिदायतपुर के ग्रामीणों जगजीवन, रामखेलावन, ओमकार, दिनेश, राम आसरे, रामदीन का कहना है कि हम इस बार गांव में स्वच्छता का दीपक जलाएंगे। उनकी पूरी उम्र बाहर खुले में शौच जाते गुजर गया। सरकार की स्वच्छता अभियान प्रचार से हम प्रभावित हुए और खुद से शौचालय बनवाया। यदि हम यह नहीं जान पाएंगे स्वच्छता का मतलब किया है तो दीपावली का अर्थ ही नहीं रह जाएगा। असली दीपावली तो स्वच्छता का दीपक ह । गांव बने दूसरों की नजीर : खुले में शौच मुक्त गांव माधवपुर, चकरीमा, अलीपुर के लोग भी अब दूसरे गांव के लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
30 हजार लोगों ने खुद से बनवाया शौचालय : मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार ¨सह बताते है कि जिले में लगभग 30 हजार से अधिक लोगों ने स्वयं के संसाधन से शौचालयों का निर्माण कराया है। इन लोगों ने स्वच्छता में अहम भूमिका निभाई है।