एक साल में डेढ़ गुना बढ़ गई गन्ने की उपज
-विभाग का पूरा हुआ गन्ने का सर्वे, बेसिक कोटा तैयार -नई प्रजाति के गन्ने का बीज बुआई के
-विभाग का पूरा हुआ गन्ने का सर्वे, बेसिक कोटा तैयार
-नई प्रजाति के गन्ने का बीज बुआई के बाद से बढ़ा उत्पादन संवादसूत्र, बाराबंकी : नई प्रजाति के बीज की बुआई के बाद इस बार डेढ़ गुना गन्ने की उपज बढ़ी है। गन्ना विभाग के माध्यम से हुए सर्वे में प्रति हेक्टेअर गन्ना का उत्पादन बढ़ने के साथ ही गन्ने का क्षेत्रफल भी बढ़ा है। विभाग के अफसरों ने बेसिक कोटा तैयार कर लिया है। पिछले वर्ष जिले में साढ़े नौ हजार हेक्टेयर में गन्ना की फसल हुई थी। प्रति हेक्टेयर 600 क्विंटल गन्ना की उपज हुई थी। इस बार गन्ने की प्रजाति 0239, 0238, 94184, 5191, 58014, 01424, 01434 की बोआई से उपज बढ़ी है। ऐसे में इस वर्ष सब कुछ ठीक रहा है तो विभागीय आंकड़ों के मुताबिक प्रति हेक्टेयर गन्ना डेढ़ सौ से दो सौ क्विंटल गन्ना का उत्पादन बढ़ा है। ढाई हजार हेक्टेयर गन्ना के रकबे की और बढ़ोत्तरी हुई है। कुल मिलाकर 20 लाख क्विंटल गन्ना का उत्पादन बढ़ा है। वर्तमान में साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में गन्ना की फसल लहलहा रही है।
यहां होती है खपत : 85 प्रतिशत गन्ना फैजाबाद के चीनी मिल रोजागांव और हैदरगढ़ चीनी मिल में सप्लाई होती है। पिछली बार चीनी मिल में लगभग 16-16 लाख क्विंटल गन्ना बिक्री किया गया था। हैदरगढ़ प्रति दिन 65 हजार और रोजागांव प्रति दिन 50 हजार क्विंटल गन्ना की पेराई की क्षमता है।
35 क्विंटल पर एक पर्ची : गन्ना किसानों को 35 क्विंटल पर एक पर्ची दी जाती है। उसी आधार पर किसानों को पर्ची कटवाने के लिए फार्म भरना होता है। 14 हजार गन्ना किसान हैं। सभी किसान खतौनी को समय से उपलब्ध करा देते हैं उनकी गन्ना तौल पर्चियां बन जाएंगी।
--------------------
“ विभाग के अनुसार बेसिक कोटा बना लिया गया है। खतौनी न जमा करने वाले किसानों को गन्ना पर्चियां नहीं दी जाएंगी।
हेमेंद्र प्रताप ¨सह, जिला गन्ना अधिकारी, बाराबंकी।