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शरीफाबाद की गलियों में जय जवान, जय किसान

बाराबंकी : हरख ब्लॉक की ग्राम पंचायत शरीफाबाद की गलियों में जय जवान-जय किसान की गूंज ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:15 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 12:15 AM (IST)
शरीफाबाद की गलियों में जय जवान, जय किसान
शरीफाबाद की गलियों में जय जवान, जय किसान

बाराबंकी : हरख ब्लॉक की ग्राम पंचायत शरीफाबाद की गलियों में जय जवान-जय किसान की गूंज है। यहां के किसान और देश पर बलिदान होने वाले जवानों की गौरव गाथा किसी से छिपी नहीं हैं। गांव के प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी नौजवान हैं। धान, गेहूं, आलू, टमाटर, मेंथा व अन्य सब्जियों की खेती के साथ पशुपालन के जरिए शरीफाबाद के किसान अपना उत्थान कर रहे हैं। यहां की आबादी तीन हजार है। इसमें मतदाता करीब 1700 हैं। इन पर है नाज : शरीफाबाद के स्वर्गीय पंडित श्याम लाल बाजपेई प्रदेश सरकार में मंत्री थे। इनके पुत्र लेफ्टीनेंट शंकर दयाल बाजपेई 10 दिसंबर 1989 को उस समय शहीद हो गए थे जब जगुवार विमान से भारत-पाक सीमा की निगरानी कर रहे थे। पर्वतारोही अजय बाजपेई ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार पाकर गौरव बढ़ाया। पूर्व प्रधान स्वर्गीय रामपाल यादव की समाज सेवा लोग भूले नहीं हैं। अधिवक्ता स्वर्गीय पंकज बाजपेई अपने जीवन में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जाने गए। यह है खूबी : रेठी नदी के किनारे बसे इस गांव में हरियाली है। चार तालाबों में आदर्श तालाब भी है। आठ मंदिर व एक दीवान शाह बाबा की दरगाह है। गांव की पीली दोमट मिट्टी में धान, गेहूं, आलू, मक्का के साथ ही मूंगफली व शकरकंद की भी खेती होती है।

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आधार भूत ढांचा : नगर पंचायत सतरिख होते हुए शरीफाबाद तक पक्की सड़क है जो लखनऊ के गोसाईगंज कस्ब को जोड़ती है। शरीफाबाद में 92 इंडिया मार्का हैंडपंप हैं। 100 परिवारों में शौचालय हैं। लोग अपने-घरों के आसपास की सफाई स्वयं ही करते हैं। उपलब्धियां : एक जूनियर हाईस्कूल, एक प्राइमरी स्कूल, न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डाक घर, राजकीय यूनानी चिकित्सालय, दो आंगनबाड़ी केंद्र, साधन सहकारी समिति व पशु चिकित्सालय है। यह हो तो बने बात : गांव के युवा प्रधान राम कैलाश यादव का कहना है कि गांव में आरसीसी सड़कों व नालियों का निर्माण के साथ ही खेल मैदान का विकास व गरीबों को आवासीय भूमि का पट्टा किए जाना चाहिए।

जिला पंचायत सदस्य अल्का मिश्रा का कहना है कि गांव में अस्पताल तो हैं पर चिकित्सकों का ठहराव नहीं है। नालियों व शौचालयों का निर्माण अधिकाधिक कराए जाने की जरूरत है।


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