'छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाय के'
बाराबंकी : मुंबई से पधारे गजल गायक अजय मिश्र ने मंगलवार की सांस्कृतिक संध्या में अपने सूफी क
बाराबंकी : मुंबई से पधारे गजल गायक अजय मिश्र ने मंगलवार की सांस्कृतिक संध्या में अपने सूफी कलामों और गजलों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आजमगढ़ के हरिहरपुर संगीत घराने से ताल्लुक रखने वाले अजय ने सूफी संध्या की शुरुआत 'राखो मेरी लाज देवा वाले बाबा' से की। इसके बाद उन्होंने न जी भर कर देखा न कुछ बात की, दमादम मस्त कलंदर कलाम प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने हजरत बेदम शाह वारसी का कलाम 'छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाय के' प्रस्तुत किया। उन्होंने आपके दिल में क्या बात है बता दीजिये, मैं तो पिया से नैना लगा आई रेÞ सहित कई अन्य सूफी गीत और गजलें प्रस्तुत कीं। सहयोगी कलाकार के रूप में श्रीकांत, सूर्यप्रकाश, आशीष मिश्र और उदयशंकर मिश्र रहे। वंदना ने बिखेरी अवधी गीतों की खुशबू देवा: देवा मेला प्रेक्षागृह में मंगलवार की शाम वंदना मिश्रा के पारंपरिक अवधी गीतों से सजी। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने देवी गीत जगदंबा घर में दियना बारि अइली हो से हुई। इसके बाद उन्होंने पचरा गीत झूला झूले सातों बहिनियां, लचके निम्बिया की डार हो पेश किया। वंदना ने इसके बाद पारंपरिक सोहर Þघर घर बाजत बधैया, मेला गीत Þलै चला पटना बाजार और ़िफल्म मैंने प्यार किया का गीत कहे तोसे सजना यह तोरी सजनियाÞ प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। आकाशवाणी और दूरदर्शन की कलाकार वंदना मिश्रा कई देशों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं।