बेटे को विरासत की डॉ. पीएल पुनिया ने लिखी पटकथा
बेटे को विरासत की डॉ. पीएल पुनिया ने लिखी पटकथा बेटे को विरासत की डॉ. पीएल पुनिया ने लिखी पटकथा बेटे को विरासत की डॉ. पीएल पुनिया ने लिखी पटकथा
बाराबंकी : प्रशासनिक अफसर से नेता बने डॉ पीएल पुनिया ने बेटे तनुज को विरासत सौंपने की पटकथा खुद ही तैयार की है। पुनिया की दिल्ली में मौजूदगी और तनुज की उम्मीदवारी की घोषणा कुछ इसी ओर इशारा कर रही है।
वर्ष 2007 में कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक पारी का आगाज करने वाले पीएल पुनिया को बसपा प्रत्याशी से करीब तीन हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी उन्होंने सक्रियता बनाए रखी और वर्ष 2009 में जिले से सांसद चुने गए थे।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दस-दस साल बाद इतिहास स्वयं को दोहरा रहा है। अब वह बेटे तनुज की भी उसी अंदाज में नई पारी की शुरुआत करा रहे हैं। 2017 के चुनाव में तनुज सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में जिले की जैदपुर विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा चुके हैं। पहले चुनाव में करीब 82 हजार मत हासिल करने के बाद भी उन्हें अपने पिता की ही तरह हार का सामना करना पड़ा था। पिता के सांसद चुने जाने के ठीक 10 साल बाद कांग्रेस ने तनुज को बाराबंकी संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी व कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की युवा टीम तैयार करने की कड़ी माना जा रहा है। तनुज की उम्मीदवारी की घोषणा से कांग्रेसजनों में खुशी की लहर है।