रबी फसलों पर छाया बाढ़ का कहर
सरयू नदी में तीसरी बार आई बाढ़ ने इलाके के किसानों की कमर तोड़ दी है। रबी फसलों पर भी बाढ़ का कहर छा गया है। बाढ़ के चलते इस बार खरीफ की फसलें तो नष्ट हो ही गईं। रबी फसलों पर भी ग्रहण लग गया है।
बाराबंकी : सरयू नदी में तीसरी बार आई बाढ़ ने इलाके के किसानों की कमर तोड़ दी है। रबी फसलों पर भी बाढ़ का कहर छा गया है। बाढ़ के चलते इस बार खरीफ की फसलें तो नष्ट हो ही गईं। रबी फसलों पर भी ग्रहण लग गया है।
अक्सर बाढ़ का खतरा जिले में 15 जून से सितंबर माह के अंतिम पखवारे तक रहता था। 15 अक्टूबर तक खेत फसल बोने लायक हो जाते थे। सरसों, चना, मटर, मसूर, आलू व सब्जियों की अच्छी खेती सरयू नदी की तराई में होती थी। रबी फसलों में किसानों को फसलों में खाद व सिचाई पर भी बहुत कम खर्च करना होता था। लेकिन, इस बार 17-18 अक्टूबर की बारिश के बाद उत्तराखंड व नेपाल की नदियों का पानी सरयू नदी में छोड़े जाने के बाद तीसरी बार बाढ़ आ गई। सरसों सहित अन्य फसलों की बोआई का समय निकला जा रहा है।
ग्राम साई तकिया के शिव प्रसाद का कहना है कि वर्ष 2009 व 2013 में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखा गया था। बिना सीजन के बाढ़ आई थी। कोडरी के दयानंद पांडेय का कहना है कि बाढ़ तो आती थी मगर, सीजन खत्म होने से पहले ही चली जाती थी। इस बार बर्बादी बन गई। बाढ़ कार्य खंड के अधिशासी अभियंता शशीकांत सिंह ने बताया कि इस बार तीसरी बार बाढ़ के आने से समस्याएं हुई हैं। इसका अनुमान पहले से नहीं था। इनसेट-
खतरे के निशान से नीचे आया जलस्तर : सरयू नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान 106.070 मीटर के नीचे 106.026 मीटर पर पहुंच गया। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
विधायक ने बांटी राहत किट : सूरतगंज ब्लाक के बाढ़ राहत केंद्र प्राथमिक विद्यालय पांडेय पुरवा परिसर में सोमवार को बाढ़ पीड़ितों को राहत किट का वितरण विधायक रामनगर शरद कुमार अवस्थी ने किया। तहसील के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही पूर्व ब्लाक प्रमुख आशीष सिंह, प्रदीप अवस्थी, नेम कुमार, चंदन, बसंत मिश्र मौजूद रहे।