Move to Jagran APP

आलू की खेती में लगा झुलसा रोग, किसान बचाने में लगे

पहली बार था जब आलू का भाव 60 रुपये प्रति किलो पहुंचा था। किसानों के साथ ही व्यापारी भ्परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 11:24 PM (IST)
आलू की खेती में लगा झुलसा रोग, किसान बचाने में लगे
आलू की खेती में लगा झुलसा रोग, किसान बचाने में लगे

बाराबंकी : पहली बार था, जब आलू का भाव 60 रुपये प्रति किलो पहुंचा था। किसानों के साथ ही व्यापारियों को भी अधिक मुनाफा हुआ था। इसको लेकर किसानों ने आलू का रकबा बढ़ाया है। जिले में लगभग साढ़े 22 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल लहलहा रही है। किसान खुश भी थे, लेकिन कभी कोहरा, पाला तो कभी धूप के साथ गर्मी ने आलू की फसल को रोग ग्रस्त बना दिया है। तेजी के साथ आलू की फसल पर झुलसा रोग बढ़ने लगा है। इसके बचाओ में किसानों ने दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया है। आलू के अलावा सरसों की फसल में भी माहू और झुलसा रोग पकड़ रहा है। पिछले वर्ष 18 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल थी। बेलहरा के गंगापुर के किसान रामचंद्र वर्मा ने बताया कि आलू और सरसों की फसल में रोग पकड़ रहा है। फतेहपुर के खेरिया के किसान बाबादीन आलू की फसल में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे थे।

loksabha election banner

यह करें उपाय, रोग से बच जाएगी फसल : जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रीति किरन वाजपेई ने बताया कि पाले से फसल को बचने के लिए फसल में हल्की सिचाई कर दें। साथ ही थायो यूरिया आधा ग्राम प्रति लीटर की मात्रा में घोल बनाकर के छिड़काव करें अथवा घुलनशील सल्फर 80 फीसद डब्ल्यूपी दो ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर के 10-12 दिन के अंतराल पर छिड़काव करने से पाले के प्रकोप को कम हो जाता है। आलू में पछेती फसल में झुलसा बीमारी बहुत खतरनाक होती है। दो बीमारियों का हमें खास ध्यान रखना होता है, एक अगेती झुलसा और दूसरा पछेती झुलसा रोग। इनसे बचाव के लिए जब एक महीने की फसल हो जाती है तो मैंकोजेब 75 प्रतिशत फंफूदीनाशक की लगभग आठ सौ ग्राम मात्रा प्रति एकड़ खेत के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। -------------- फैक्ट फाइल आलू का रकबा -22500 हेक्टेयर उत्पादन क्षमता लगभग-6.50 लाख मीट्रिक टन आलू कोल्ड स्टोर-34 कोल्ड स्टोर भंडारित क्षमता-4.50 लाख मीट्रिक टन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.