शिवांशी को दी 'स्कैनर' गर्ल की संज्ञा
बाराबंकी : आंखों से जिन्हें नहीं दिखाई देता वह ब्रेललिपि से लिखते-पढ़ते तो बहुत से दिव्यांग ि
बाराबंकी : आंखों से जिन्हें नहीं दिखाई देता वह ब्रेललिपि से लिखते-पढ़ते तो बहुत से दिव्यांग मिल जाते हैं पर सात साल की शिवांशी दिव्यांग नहीं हैं और न ही व ब्रेललिपि का सहारा लेती है। आंखों में पट्टी बांधकर किताब को छूकर पढ़ने की शिवांशी की अदभुत प्रतिभा शनिवार को फतेहपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय विशुनपुर द्वितीय में स्वच्छता पखवारा कार्यक्रम में सबने देखी। खंड शिक्षा अधिकारी गौतम प्रकाश ने शिवांगी को स्कैनर गर्ल की संज्ञा दी।
योग से सीखा स्पर्श कर पढ़ना : शिवांशी की मां निशा निगम शिक्षिका हैं। उनका कहना है कि शिवांशी नियमित योग करती है। योग साधना से उसके अंदर बिना आंख खोले ही छूकर पढ़ने की गजब सी प्रतिभा का विकास हुआ। पढ़ने के साथ ही वह छूकर रंगों व चित्रों की पहचान भी कर लेती है। आशा निगम का विवाह उन्नाव जिले से हुआ है पर मोहम्मदपुर गांव में मायका होने के कारण उन्होंने विशनपुर द्वितीय स्कूल में तैनाती का विकल्प भरा था। अपने ही स्कूल में शिवांशी को भी पढ़ा रही हैं। शिवांशी कक्षा एक की छात्रा है।