..और नानी की गोद में सुरक्षित रहा नवजात
आधी रात हुए जिस भीषण हादसे ने चार लोगों की जान ले ली उसी हादसे में आठ दिन का नवजात अपनी नानी की गोद में बिल्कुल महफूज रहा। सभी मासूम के साथ अनहोनी
बाराबंकी : आधी रात हुए जिस भीषण हादसे ने चार लोगों की जान ले ली, उसी हादसे में आठ दिन का नवजात अपनी नानी की गोद में बिल्कुल महफूज रहा। सभी मासूम के साथ अनहोनी की आशंका जता रहे थे, पर बच्चे के सुरक्षित होने की जानकारी पर सभी ईश्वर का करिश्मा बोल रहे थे।
तीन साल पहले जन्मी रामकुमार की पहली संतान की मृत्यु हो गई थी। पर, इस बार परिवारजन बहुत सजग थे। नाती के पैदा होने से नानी कमला व नाना हरिद्वारी भी बहुत उत्साहित थे। मंगलवार रात गांव के रमेश को बोलेरो लेकर बुलाया गया था। ताकि सभी वापस घर पहुंच सकें। एक ही वाहन होने के कारण क्षमता से अधिक सभी लोग सवार हो गए। पुत्री का ऑपरेशन होने के कारण नानी ने बच्चे को अपनी गोद में ले रखा था। फिर लुट गई खुशियां! : भीषण हादसे का दृश्य इतना भयावह था कि जो देखता दहल जाता। घायल रामकुमार व उसकी पत्नी ने जब तक अपने बच्चे को सकुशल देख नहीं लगा अपना जख्म भूलकर निराश थे कि शायद फिर ईश्वर ने एक बार फिर खुशियां छीन लीं। बच्चे को सकुशल देखकर दोनों के घाव का दर्द मानों कम हो गया। और मौत खींच लाई
आशा बहू मुन्नी पांडेय प्रसूता गुड्डी का उपचार करवा रही थी। क्षेत्रीय होने के कारण ही वह उसकी देखरेख के लिए पति के साथ लखनऊ गई थी। वापस आते वक्त हादसे में मुन्नी की मौत हो गई। खुशियां काफूर : पेशे से किसान रामकुमार के परिवारजन बच्चे के घर पहुंचने को लेकर काफी उत्सुक थे, लेकिन रात करीब दो बजे मृतका आशा बहु मुन्नी पांडेय के ससुर सोनेलाल के मोबाइल पर पुलिस ने हादसे की सूचना दी तो रात के सन्नाटे को चीरते हुए पूरे गांव में रोने पिटने और विलाप की आवाज गूंजने लगीं। वहीं स्पष्ट सूचना न मिलने पर रामकुमार के घर में भी सारी खुशियां काफूर हो गईं। भटकते रहे परिवारजन : आधी रात हुए हादसे की सूचना पर पीड़ित परिवारजन तत्काल बड्डूपुर और फिर वहां से वापस महमूदाबाद सीएचसी और जिला अस्पताल पहुंचे। शव को पीएम के लिए रखवा दिया गया और घायलों को लखनऊ रेफर कर दिया गया था। जिसके कारण बुधवार सुबह 10 बजे तक परिवारजन घायलों को देखने के लिए भटकते रहे।