धान बेचने की उम्मीदों पर लगा 'ब्रेकर'
दीपक मिश्रा बाराबंकी अतिवृष्टि से फसल की बर्बादी झेल रहे किसानों की मुश्किलें और बढ़ ग
दीपक मिश्रा, बाराबंकी : अतिवृष्टि से फसल की बर्बादी झेल रहे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। धान बेचने की तमाम किसानों की उम्मीदों पर 'ब्रेकर' लग गया है। वजह, विभाग की वेबसाइट से आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को बाहर कर दिया गया है। इससे बाराबंकी समेत 26 जिलों के करीब 50 लाख किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। अब जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने इस संबंध में खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा है।
सूबे में एक नवंबर से धान की खरीद शुरू होनी है। इसके लिए वेबसाइट (एफसीएस डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट इन) पर एक अक्टूबर से पंजीकरण हो रहा है। धान बेचने के लिए पंजीयन अनिवार्य है। इस वेबसाइट पर सभी बैंकों का कॉलम है। किसान का जिस बैंक में खाता है, वे उसे चुनकर आधार और खतौनी नंबर दर्ज कर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करते हैं। आर्यावर्त ग्रामीण बैंक का कॉलम नहीं होने से इसके खाताधारक (किसान) पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं। इस बैंक को वेबसाइट से हटाए जाने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।
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इन जिलों के किसान प्रभावित :
बाराबंकी में आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के दो लाख किसान हैं। इसके अलावा अयोध्या, लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, हरदोई, उन्नाव, फर्रुखाबाद, कन्नौज, एटा, कासगंज, अलीगढ़, आगरा, हाथरस, मथुरा, शाहजहांपुर सहित 26 जिले में भी आर्यावर्त ग्रामीण बैंक की शाखाएं के खाताधारक प्रभावित हैं।
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बाराबंकी में इस बैंक की 150 से अधिक शाखाएं हैं। दो लाख उपभोक्ता किसान हैं। 1.25 लाख से अधिक केसीसी धारक हैं। वेबसाइट से बैंक को जोड़ने के लिए खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा गया है।
-केके सिंह, रीजनल मैनेजर, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक।
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शासन को पत्र लिखकर आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को वेबसाइट से जोड़ने की मांग की गई है। बैंक की जिले में सर्वाधिक शाखाएं होने से खरीद प्रभावित होने की आशंका है।
-संतोष कुमार द्विवेदी, जिला विपणन अधिकारी।