इमामबाड़े में रखे गए ताजिये, नहीं किए गए दफन
-चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस और पीएसी -जिले भर में रही शांति नहीं निकाला गया जुलूस
बाराबंकी : मुहर्रम के आखिर दिन जुलूस निकाला गया और न ही ताजिये दफन किए गए। कोरोना काल को लेकर इस बार घरों पर ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने या हुसैन की सदाएं बुलंद कीं। पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर सक्रिय रही। लोगों ने ताजिया दफनाने के बजाय इमामबाड़ा पर ही रख दिया। चौराहे, कस्बे, कर्बला, ईदगाह पर पुलिस और पीएसी तैनात दिखी।
मुस्लिम समुदाय में मुहर्रम के दसवीं को जुलूस निकालकर कर्बला में ताजिया दफनाते हैं। कोरोना काल को लेकर जुलूस निकालने पर प्रतिबंध के चलते लोगों ने इस बार जुलूस नहीं निकाला। शहर के चंदना, फजलुर्रहमान पार्क, कटरा बारादरी, पीरबटावन आदि स्थानों पर पीएसी व पुलिस तैनात रही। कटरा चंदना स्थित इमामबाड़ा में ताजिया दफनाने के बजाए रख दी गईं। जुलूस निकालने को लेकर अशांति न फैल इसलिए सभी थानाध्यक्षों ने मुस्लिम समुदाय के गणमान्यों से एक पत्र भरा लिया था। जैदपुर, फतेहपुर, जहांगीराबाद, सफदरगंज, बड़ागांव, बांसा, मसौली, सदरुद्दीनपुर, त्रिलोकपुर, देवा, बरेठी, दरियाबाद, हैदरगढ़ में सख्ती के कारण शांति बनी रही।