धर्मसभा : रामभक्तों को खूब भाए बाराबंकी के केसरिया गमछे
धर्मसभा के चलते बीते बीस दिनों में हुई करीब दो लाख गमछों की बिक्री। हैंडलूम कारोबारियों और बुनकरों के रोजगार को मिला बल।
बाराबंकी, (जगदीप शुक्ल)। 25 नवंबर को अयोध्या में आयोजित धर्मसभा में शामिल होने गए रामभक्तों की पसंद जिले के केसरिया गमछे बने। हैंडलूम कारोबारियों के मुताबिक बीते बीस दिनों में करीब दो लाख से अधिक गमछों आपूर्ति की गई। जबकि इससे पहले यह आंकड़ा महज कुछ हजारों में ही सीमित रहता था। कारोबारियों का कहना है कि 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद दूसरी बार इतनी ज्यादा केसरिया गमछों की बिक्री हुई है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट में चयनित इस उत्पाद से करीब 300 हैंडलूम कारोबारी और करीब एक लाख बुनकर परिवार जुड़े हुए हैं।
यहां की गई आपूर्ति
टांडा, जलालपुर, लखनऊ, कानपुर, बहराइच, गोंडा, अयोध्या, सीतापुर, सुल्तानपुर आदि।
फैक्ट फाइल
- जिले में हैं हैंडलूम के 300 बड़े कारोबारी और एक लाख बुनकर परिवार
- 2014 में भाजपा सरकार बनने पर बिके थे करीब आठ लाख गमछे
- बीते बीस दिन में हुई करीब दो लाख गमछों की बिक्री
क्या कहते हैं व्यापारी
व्यवसायी जुनेद अंसारी ने बताया कि केसरिया गमछे की मांग इधर 20 दिनों में अधिक बढ़ी है। इस दौरान तकरीबन साढ़े सात हजार के गमछे बिके हैं। वही विनोद गाबा ने बताया कि अयोध्या में धर्मसभा के आयोजन के मद्देजनर बीस दिन में करीब 30 हजार के आसपास केसरिया गमछे बिके हैं। इसका आपूर्ति राजधानी के साथ पड़ोसी जनपदों को भी की गई है। यह आंकड़ा इससे पहले सात-आठ हजार तक सीमित रहता था। उसामा अंसारी ने बताया कि वर्ष 2014 में चुनाव के बाद करीब सात-आठ लाख केसरिया गमछे बिके थे। यह क्रम सरकार बनने के करीब डेढ़ साल तक चला। बीच में गमछों की बिक्री थोड़ी कम हुई। इधर 20 दिनों में करीब 35 हजार केसरिया गमछे बिक्री हुए हैं।