बाइक, ई-रिक्शा के नाम पर हो रहे लाखों भुगतान की जांच शुरू
बाइक ई-रिक्शा को हो रहे लाखों भुगतान की जांच शुरू
बाराबंकी : ग्राम्य विकास संस्थान में ई-रिक्शा, बाइक को कार और बड़े वाहन दिखाकर हो रहे फर्जी भुगतान की जांच सीडीओ ने डिप्टी कमिश्नर और एएसपी को सौंप दी है। कर्मचारी संगठन भी सीडीओ से मिले और वरिष्ठ सहायक के पिटाई करने का मामला रखा।
ग्राम्य विकास संस्थान (प्रशिक्षण केंद्र) पर वरिष्ठ सहायक के पद पर अनूप जैन कार्यरत हैं। शुक्रवार को जिला प्रशिक्षण अधिकारी के सामने ही कर्मचारियों ने वरिष्ठ सहायक अनूप जैन की पिटाई कर दी थी। सहायक का आरोप था कि केंद्र पर प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षुओं को फील्ड प्रशिक्षण कराया जाता है। इसके लिए वाहनों का प्रयोग होता है। यहां लेखपालों का आपदा प्रबंधक क्षमता संवर्द्धन पर प्रशिक्षण चल रहा था। संस्थान के ही सत्र प्रभारी ने बिल बाउचर प्रस्तुत किया तो उसमें फर्जी वाहनों का विवरण था, इस बिल बाउचर पर हस्ताक्षर नहीं किया तो वहीं के कर्मचारियों ने पिटाई कर दी। शनिवार को ग्राम्य विकास मिनिस्ट्रियल संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रेश श्रीवास्तव, संगठन महामंत्री कुरेश अहमद, रंजीत, अमरीश, विकास भवन परिषद कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुस्तफा खान ने सीडीओ से मिले। सवा चार लाख रुपये फर्जी तरीके से भुगतान किये जाने का मामला उठाया। इस पर सीडीओ ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के डिप्टी कमिश्नर सुनील तिवारी को फर्जीवाड़े की जांच सौंपी है। जबकि मारपीट की जांच एएसपी आरएस गौतम को दी गई है। वहीं सीडीओ ने जिला प्रशिक्षण अधिकारी सहित आरोपितों को तलब कर पूछताछ की।
इस तरह से बने फर्जी कागजात : जिला प्रशिक्षण संस्थान में बाइक का नंबर दिखाकर कार का किराया 500 रुपये निकालने की तैयारी थी। ई-रिक्शा पर 5400, 10 हजार एक दिन का किराया निकालने के लिए पत्रावलियां तैयार हुई थी। वाहन के दो नंबर ऐसे थे, जिन पर कोई वाहन पंजीकृत था ही नहीं। इस तरह से 13 वाहनों को बस और बड़े वाहन दिखाकर सवा चार लाख निकालने की तैयारी थी।
'इस पूरे प्रकरण की जांच कमेटी गठित कर दी गई है। यदि मारपीट हुई है तो एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। यदि फर्जीवाड़े की पुष्टि होती है तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
मेधा रुपम, सीडीओ, बाराबंकी।