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मीटर की व्यवस्था ने बिगाड़ा बुनकरों का बिजली बजट

पुरानी व्यवस्था बहाल किए जाने की मांग को लेकर बुनकरों ने कर रखी है हड़ताल एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल है बुनकर उत्पाद स्टोल

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 11:53 PM (IST)
मीटर की व्यवस्था ने बिगाड़ा बुनकरों का बिजली बजट
मीटर की व्यवस्था ने बिगाड़ा बुनकरों का बिजली बजट

बाराबंकी : बुनकरों के पावरलूम कनेक्शन पर मीटर अनिवार्य रूप से लगाए जाने की व्यवस्था ने बुनकरों का बिजली बजट बिगाड़ दिया है। मार्च माह से नई व्यवस्था के अनुसार बिजली बिल भेजे जाने के बाद बुनकरों के होश उड़ गए। पावरलूम चलाने के बजाए पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर काम बंद हड़ताल बुधवार से कर रहे हैं, यह समस्या अकेले बाराबंकी जिले के बुनकरों की नहीं हैं जहां के बुनकर उत्पाद स्टोल को प्रदेश सरकार ने 'एक जिला एक उत्पाद' योजना में शामिल बल्कि पूरे प्रदेश की है। बुनकरों की इस हड़ताल से लॉकडाउन में मास्क का विकल्प बताए जाने वाले स्टोल व गमछा का निर्माण भी ठप हो गया है। लॉकडाउन में वैसे भी बंदी के बाद पिछले माह के दूसरे पखवारे में बुनकरों ने थोड़ा-बहुत काम धीरे-धीरे शुरू किया था लेकिन बिजली का मीटर देख उनके होश उड़ गए हैं।

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जिले में सबसे ज्यादा 807 पावरलूम बुनकर बाहुल्य कस्बा जैदपुर में लगे हैं। जैदपुर के बुनकर मो. नायाब अंसारी, मो. जमीर, मसीउर्रहमान व सिराजुद्दीन का कहना है कि डेढ़ सौ रुपये जो बिल आता था वह नई व्यवस्था में ढाई हजार रुपये तक आएगा। इतनी महंगी बिजली से पावरलूम चलाना घाटे का सौदा होगा। बुनकर अधिकार संगठन के अध्यक्ष तफज्जुल हुसैन अंसारी का कहना है कि डीएम को ज्ञापन देकर बिजली पर पहले की तरह सब्सिडी की व्यवस्था बहाल करने की मांग की गई है। एक हफ्ते तक हड़ताल जारी रहेगी फिर आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। सब्सिडी बंद नहीं हुई, देने का तरीका बदला

बिजली विभाग के रामसनेहीघाट डिवीजन के सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सब्सिडी नहीं बंद की गई है बल्कि सब्सिडी देने का तरीका बदला है। नई व्यवस्था के अनुसार मार्च माह से बिल भी जारी होने लगे हैं। पहले आधा हार्सपावर के लूम पर 77 रुपये ही महीने में देने पड़ते थे। अधिकांश बुनकरों ने आधा-आधा हार्स पावर के दो लूम लगा रखे हैं। इसलिए 154 रुपये जमा करने होते थे। अब सभी पावरलूम कनेक्शन पर मीटर लगा दिए गए हैं। नई व्यवस्था में 120 यूनिट बिजली तक सरकार साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी देती है। शेष बिल जमा करना होता है। 120 यूनिट से ज्यादा बिल आने पर प्रति यूनिट व्यवसायिक दर से करीब आठ रुपये प्रति यूनिट बिल जमा करना होता है।

इस तरह भी समझ सकते : मान लिया कि 120 यूनिट बिजली का बिल आठ रुपये प्रति यूनिट की दर से 960 रुपये बनता है तो इस पर साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी 420 रुपये सरकार देगी। 540 रुपये बुनकर को जमा करने होंगे। यदि किसी ने 200 यूनिट बिजली खर्च की है तो 80 यूनिट का पूरा बिल आठ रुपये की दर से 640 रुपये व 540 रुपये मिलाकर 1180 रुपये बनेगा।


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