किसानों को सात सौ रुपये प्रति क्विटल सस्ता मिलेगा आलू बीज
रविवार विशेष -अयोध्या मंडल में सर्वाधिक आलू बीज का आवंटन बाराबंकी में -निदेशालय से आवंटित हुआ आलू बीज संवादसूत्र बाराबंकी किसानों को आलू बोने के लिए बीज को सस्ता कर दिया है। पिछले वर्ष से इस बार सात सौ रुपये प्रति क्विटल की दर से सस्ता कर दिया गया है। शासन से सभी जिलों को आलू बीज आवंटित कर दिया है जिसमें बाराबंकी के किसानों के लिए पांच सौ क्विटल आलू बीज का आवंटन किया है। अब किसानों को कुफरी बहार कुफरी आनंद जैसे शोधित बीज आसानी से मिल सकेंगे। उद्यान विभाग ने अयोध्या को 200 अंबेडकरनगर को 100 अमेठी को 100 सुलतानपुर को 200 और बाराबंकी को पांच सौ क्विटल आलू बीज आवंटित किया है। पिछले वर्ष यह आलू बीज 24
संवादसूत्र, बाराबंकी : किसानों को आलू बोने के लिए बीज को सस्ता कर दिया है, पिछले वर्ष से इस बार सात सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से सस्ता कर दिया गया है। शासन से सभी जिलों को आलू बीज आवंटित कर दिया है, जिसमें बाराबंकी के किसानों के लिए पांच सौ क्विंटल आलू बीज का आवंटन किया है। अब किसानों को कुफरी बहार, कुफरी आनंद जैसे शोधित बीज आसानी से मिल सकेंगे।
उद्यान विभाग ने अयोध्या को 200, अंबेडकरनगर को 100, अमेठी को 100, सुलतानपुर को 200 और बाराबंकी को पांच सौ क्विंटल आलू बीज आवंटित किया है। पिछले वर्ष यह आलू बीज 2480 रुपये प्रति क्विंटल था। इस वर्ष सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 1745 रुपये प्रति क्विंटल आलू बीज कर दिया है। अब किसानों को लगभग सात सौ रुपये प्रति क्विंटल दर से आलू बीज सस्ता मिलेगा।
यह है आलू की प्रजाति : कुफरी बहार, कुफरी आनंद, सिदूरी, गरिमा आदि किस्म की आलू बीज प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय आलू शोध संस्थान कुफरी से मंगाया है।
चिप्सोना ही क्यों चुना : कुफरी प्रजाति के आलू को चिप्सोना भी कहा जाता है। इसकी उपज आम तौर के आलू प्रजाति से डेढ़ गुना अधिक रहती है। जिला उद्यान अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि प्रति हेक्टेअर अन्य आलू 100 क्विंटल उत्पादित होता है, जबकि चिप्सोना डेढ़ क्विंटल प्रति हेक्टेअर उपज है। यह आलू बाजार और मंडियों में महंगा भी बिकता है। विकास भवन में स्थित उद्यान कार्यालय से संपर्क कर बीज कोई भी किसान ले सकते हैं।
इनसेट : 1.70 लाख मीट्रिक टन आलू है डंप
जिले में 32 कोल्ड स्टोर संचालित हैं जिसमें 25 प्रतिशत आलू निकल चुका है, जबकि 75 प्रतिशत यानी एक लाख 70 हजार मीट्रिक टन आलू अभी भी डंप है। यहां साढ़े 18 हजार हेक्टेअर में आलू की बोआई होती है, जिनमें लगभग 95 हजार मीट्रिक टन आलू खपत होगी। लगभग 75 मीट्रिक टन आलू बच रहा है।