स्टोर में डंप आलू छोड़ भागे किसान
बाराबंकी: आलू की अधिक पैदावार और कम कीमत ने आलू किसानों की कमर तोड़कर रख दी। खून पसीना एक कर उगाए गए
बाराबंकी: आलू की अधिक पैदावार और कम कीमत ने आलू किसानों की कमर तोड़कर रख दी। खून पसीना एक कर उगाए गए आलू को अब किसान कोल्ड स्टोरेज सड़ता हुआ छोड़कर भाग रहे हैं।
आलू की अधिक पैदावार होने के कारण इस वर्ष कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने के लिए जो मारामारी मची थी, उससे किसानों में एक शंका थी, कि कहीं उनका आलू बेभाव न हो जाए और उनकी मेहनत मिट्टी में न मिल जाए। उनकी शंका वर्तमान समय में आलू की दशा को देखकर सही साबित हो रही है। क्षेत्र में चार कोल्ड स्टोर हैं। सफेदाबाद कोल्ड स्टोर है, जिसमें हजारों बोरी आलू खुले आसमान के नीचे पड़ा सड़ रहा है। जब आलू की इस दशा के बारे में वहां के कर्मचारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उसने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। इस वर्ष इसी स्टोर में जिला स्तरीय टीम द्वारा जांच की गई थी, जिसमें भारी अनियमितताएं पाई गई थीं। मोहम्मदपुर स्थित कोल्ड स्टोरेज के प्रबंधक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने बताया कि अन्य प्रदेशों से नया आलू आ जाने के कारण पुराने आलू का कोई भाव नहीं रह गया। किसान स्टोर का किराया भी अदा नहीं कर पा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसान अशोक कुमार (सतरिख) के 224 बोरा, किसान गया प्रसाद वर्मा (कोठार) के 365 बोरा, किसान अर¨वद (पिपरतल्ला) के 82 बोरा, किसान अजय कुमार (दारापुर) के 72 बोरा, किसान हरीराम (भड़ीभर पुरवा) के 73 बोरा आदि अनेक किसान अपना आलू स्टोर में ही छोड़कर चले गए। कुल 1974 बोरा आलू की सूची उद्यान विभाग को सौंप दी गई है, जिन्हें किसान छोड़कर चले गए। यही हालात कुरौली में स्थित दो कोल्ड स्टोर्स में है।