पॉलीथिन पर प्रतिबंध है, पर मानते नहीं
मानव व पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ पर्यावरण जल वायु और मिट्टी को भी पॉलीथिन प्रदूषित करती है। सरकार की ओर से सिगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक भी लगा दी है। समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई भी की जाती है।
बाराबंकी : मानव व पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ पर्यावरण, जल, वायु और मिट्टी को भी पॉलीथिन प्रदूषित करती है। सरकार की ओर से सिगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक भी लगा दी है। समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन, न तो आमजन ही इस घातक पॉलीथिन से छुटकारा ले सका है और न ही दुकानदार ही निर्देशों का पालन कर रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक इसका उपयोग धड़ल्ले से जारी है। जबकि, प्रतिबंधित पॉलीथिन मिलने पर 50 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है। शुक्रवार को जागरण टीम ने पड़ताल की तो कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई। प्रस्तुत है रिपोर्ट.. पॉलीथिन में सब्जी ही नहीं चाय भी
शहर के सबसे व्यस्ततम धनोखर चौराहा, घंटाघर पर सुबह सब्जी विक्रेता, सतरिख नाका, पैसार व लखपेड़ाबाग, बड़ेल, आवास विकास आदि जगहों पर खुलेआम प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सब्जी विक्रेता तो खुलेआम प्रतिबंधित पॉलीथिन में ही खरीदारों को सब्जी दे रहे हैं। यहीं नहीं किराने की दुकानों में भी प्रतिबंधित पॉलीथिन का बेधड़क इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पताल हों या अन्य सार्वजनिक स्थान पर हर जगह लोग पॉलीथिन में गर्म पेय पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं।
पॉलीथिन को ना, झोला अपनाएं
आवास-विकास निवासी शिक्षक संतोष वर्मा कहते हैं कि स्वयं को भी सजग रहना चाहिए। प्रतिबंधित पॉलीथिन में हम लोग सामान न ले। घरसे ही झोला लेकर आए। लक्ष्मणपुरी कॉलोनी निवासी प्रद्युम्न यादव का कहना है कि प्रतिबंधित पॉलीथिन तभी बाजार में रुक सकती हैं जब बाहर से इसके आने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाए। पॉलीथिन खाने से सबसे अधिक बेसहारा पशुओं की मौत हो रही है। प्लास्टिक अधिक खाने से पशुओं के पेट में पॉलीथिन फंस जाती है। हर जगह कूड़े के ढेर में मिलती है पॉलीथिन : शहर के लाजपतनगर, पीर बटावन, कटरा इमामबाड़ा, नवीगंज में कूड़े से पटे नाले में सबसे अधिक प्रतिबंधित पॉलीथिन का ही ढेर लगा है। चिकित्सक बोले हानिकारक है पॉलीथिन : सिरौलीगौसपुर संयुक्त चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शकील खान का कहना है कि प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल करना काफी हानिकारक होता है। प्लास्टिक के गिलास में चाय काफी या फिर पॉलीथिन की थैली में जूस लेना मनुष्य को एक प्रकार से नपुंसकता का भी शिकार बना सकता है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी पॉलीथिन दावत देती हैं। इसमें रखे जाने वाले गर्म भोजन को खाने से प्लास्टिक में शामिल लेड नामक रसायन जहर फैला सकता है। फार्मेलडिहाइड रसायन के शरीर में पहुंचने पर किडनी में स्टोन, उल्टी आदि की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इनसेट: प्रतिबंधित पॉलीथिन पर रोक के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जा रही है। पंकज राय, अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन